लखनऊ के PUBG हत्याकांड में मर्डर करने वाले के नाम को लेकर पेंच गहरा गया है। दरअसल, पुलिस ने पहले कहा कि मां की हत्या करने वाले आरोपी बेटे ने अपना जुर्म कुबूल लिया था। अब पुलिस कह रही है कि बेटा आकाश नाम के इलेक्ट्रीशियन पर हत्या का आरोप मढ़ रहा है।
इस मामले में दो तरह के बयानों को लेकर पुलिस का कहना है कि आरोपी उसे गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। वहीं, आरोपी ने भी पुलिस पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं। कुल मिलाकर महज तीन दिन में पुलिस की तरफ से दो अलग-अलग तरह के बयानों से पूरी जांच-पड़ताल ही संदेह के घेरे में आ गई है।
पॉइंट 1. पिता नवीन के भेजे रिश्तेदारों के कहने पर दरवाजा नहीं खोला
PGI की यमुनापुरम कॉलोनी में साधना सिंह की हत्या के मामले में किसी तीसरे किरदार के शामिल होने का शक बना हुआ है। साधना के कत्ल की सूचना पुलिस को 7 जून की रात मिली। घर पहुंची टीम को 16 साल का बेटा गेट पर खड़ा मिला, जो उनके आने का इंतजार कर रहा था। इधर, साधना के पति नवीन के मुताबिक बेटे और पत्नी से 3 जून के बाद बात नहीं हो पा रही थी। उन्होंने कई परिचितों और रिश्तेदारों को घर भेजा, लेकिन किसी के भी आवाज लगाने पर बेटे ने दरवाजा नहीं खोला।
मां साधना की हत्या करने के 3 दिन पहले और फिर 3 दिन बाद तक आरोपी बेटे ने किसी के भी बुलाने पर दरवाजा नहीं खोला। अब संदेह हो रहा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि 7 जून को मां की हत्या करने की जानकारी पिता नवीन को देने के बाद बेटा खुद गेट पर खड़ा होकर पुलिस का इंतजार कर रहा था। इतना ही नहीं उसने पुलिस के पहुंचते ही वो पिस्टल दिखाई, जिससे उसने मां का कत्ल किया था।
पॉइंट 2. पुलिस के घर में दाखिल होते ही दिखाई पिस्टल
आरोपी के घर पहुंची पुलिस की पहली टीम के सदस्यों के मुताबिक, बेटा उन्हें अंदर ले गया था। भीतर दाखिल होते ही पहले कमरे में डाइनिंग टेबल थी। इस पर नवीन की विदेशी पिस्टल रखी थी। बेटे ने सबसे पहले पिस्टल दिखाई। पिस्टल यहां क्यों रखी है, यह पूछने पर बोला कि पापा को वीडियो कॉल करके दिखाया था कि इसी से मां की हत्या हुई है। यानी उसने वहीं कबूल लिया था कि मां की हत्या उसी ने की है।
पॉइंट 3. कॉल डिटेल में किसी से बात नहीं, फिर कैसे पता पुलिस आ रही
मां की लाश के साथ 3 दिन गुजारने के बाद 7 जून की शाम करीब 6 बजे बेटे ने आसनसोल में तैनात फौजी पिता नवीन को बताया कि मां की हत्या हो गई है, लेकिन नवीन ने सीधे पुलिस को सूचना देने की बजाय अपने चचेरे भाई को फोन किया। चचेरे भाई अमेठी में पुलिस सब इंस्पेक्टर हैं। उन्होंने भी काफी देर बाद पुलिस को बताया, लेकिन नवीन के चचेरे भाई से आरोपी बेटे की फोन पर कोई बात नहीं हुई। सवाल उठ रहा है कि फिर बेटे को कैसे पता था कि पुलिस आने वाली है, जिसका वो गेट पर खड़ा इंतजार कर रहा था।
पॉइंट 4. बेटे को पता था पिस्टल के साथ चार बुलेट रखी है
नवीन की 32 बोर की विदेशी पिस्टल उस कमरे की पहली अलमारी में रखी थी। पिस्टल के साथ केवल चार बुलेट रखी थीं, जिसकी बेटे को बखूबी जानकारी थी। इसमें से एक बुलेट फायर हुई थी। पुलिस के मुताबिक बेटे ने इलेक्ट्रीशियन की मनगढंत कहानी बताई थी। इस पर सवाल इसलिए, क्योंकि पुलिस ने पहली नजर में ही ये क्यों नहीं सोचा कि बाहरी हत्यारे को कैसे पता होगा कि घर में पिस्टल रखी है।
पॉइंट 5. पिता बोले सिराहने से निकाली चाबी, बेटा बोला अलमारी खुली थी
नवीन के मुताबिक बेटे ने साधना के सिराहने से अलमारी की चाबी ली और पिस्टल निकाली। दूसरी तरफ पुलिस के मुताबिक बेटे ने बताया कि अलमारी लॉक ही नहीं थी। हालांकि, दोनों का दावा है कि ये बात उन्हें बेटे ने ही बताई। मामले के विवेचक देवेंद्र सिंह का कहना है कि घटना में कई तथ्य ऐसे हैं। जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है। वो जैसा निर्देश देंगे आगे कार्रवाई की जाएगी।
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