उत्तराखंड में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। ज्यादातर जिलों में बारिश के आसार बताए गए हैं, हालांकि अभी सभी जगह मौसम साफ है। कुछ जगहों पर बादल छाए हुए हैं, लेकिन प्रदेश में मानसून की दस्तक देने के साथ ही कई सड़कों का बुराहाल हो गया। जिस कारण लोगों के लिए आवाजाही मुश्किल हो गई है।
ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ में भूस्खलन के कारण बीते 30 घंटे से अधिक समय से अवरुद्ध है। बारिश के कारण हुए भूस्खलन से हाईवे गुरुवार को बंद हो गया था। प्रशासन ने खांकरा-दैजीमांडा-छांतीखाल-डुंगरीपंथ व खांकरा-कांडई-खेड़ाखाल-खिर्सू मोटर मार्ग पर यातायात को डायवर्ट किया।
वहीं बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ के पास खचड़ा नाले में हाईवे सुचारू होने के बाद करीब 800 तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना किया गया जबकि बदरीनाथ धाम से 300 तीर्थ यात्रियों को अपने गंतव्य के लिए रवाना किया गया। चमोली जनपद में अभी बारिश थमी हुई है। देर रात से हो रही बारिश सुबह 9:00 बजे थमी। मौसम में ठंडक आने से धाम में भी ठंड बढ़ गई है।
दूसरी ओर पिथौरागढ़ धारचूला में नदी उफान पर है। ऐसे में भी यहां ग्रामीण जोखिम भरी आवाजाही करने को मजबूर हैं। ग्राम खुमती कालिका गाड़ में चार स्थाई लकड़ी के पुल बह गए। जबकि कालिका खुमती सड़क भी तीन दिनों से बंद है। धारचूला (पिथौरागढ़) ग्राम कालिका खुमती गाड़ में 2020 में भारी बारिश से गाड़ में चार सीसी पुल बह गए थे। तबसे ही हर साल प्रशासन द्वारा स्थाई लकड़ी के पुल से ग्रामीण आवाजाही कर रहे थे।
27 जून की भारी बारिश के कारण स्थाई रूप से बने चार लकड़ी के पुल गाड़ के पानी में समा गए। इस कारण ग्राम पंचायत खुमती ग्राम के दुमौलिया, रोलाताली, घटखोला,गरुडिया,थोड़ा,सुयालथौड,आदि विभिन्न तोकों के 700 से 800 ग्रामीण पिछले तीन दिनों से एक दूसरे के सहारे गाड़ से जान जोखिम में रखकर आवाजाही कर रहे है।
ग्राम प्रधान खुमती गोपाल सिंह धामी ने प्रशासन से कालिका खुमती गाड़ में वैकल्पिक पूल या ट्राली लगाने और गाड़ के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए लोगो की सुरक्षा में कदम उठाने की अपील की है। ग्राम प्रधान खुमती गोपाल सिंह धामी ने बताया कि कालिका खुमती की 20 किलोमीटर की सड़क भी पिछले तीन से बंद होने से एक हजार की आबादी को 15 से 20 किलोमीटर मजबूरी में पैदल यात्रा करनी पड़ रही है।
जीआईसी खुमती में हाई स्कूल के छात्र हिमांशु सिंह ने भी अपनी आपबीती सुनाई। हिमांशु ने कहा कि छह जुलाई से स्कूल खुल रहे हैं। अगर कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की जाती तो जीआईसी खुमती में पड़ रहे 60 बच्चों को इसी गाड़ से जान जोखिम उठाकर आवाजाही करनी होगी।
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