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Parliament Monsoon Session: सोमवार से शुरू होगा मानसून सत्र, पेश किए जाएंगे 24 नए विधेयक

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नई दिल्ली, संसद का मानसून सत्र सोमवार, 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह 12 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों में 18 बैठकें होंगी जिसमें सरकार की ओर से कुल 24 विधेयक पेश किए जाएंगे। सत्र के पहले दिन ही राष्ट्रपति चुनाव है जो इसे खास बना रहा है। वहीं 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव भी है।

मीडिया पंजीकरण के लिए विधेयक

सत्र में सरकार मीडिया पंजीकरण के लिए नए कानून में डिजिटल मीडिया को भी शामिल कर रही है। इससे पूर्व कभी डिजिटल मीडिया को सरकारी रेगुलेशन में शामिल नहीं किया गया था। इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद समाचार वेबसाइट्स अगर नियमों का उल्लंघन करती हैं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी। इसके तहत ना सिर्फ उनका रजिस्ट्रेशन रद हो सकता है, बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

सत्र में पेश होने वाले विधेयकों में प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन बुक्स (PRB) एक्ट, 1867 शामिल है। इसपर विपक्ष की ओर से आपत्ति जताने की संभावना है क्योंकि इस विधेयक में कहा गया है कि छोटे प्रकाशकों व डिजिटल मीडिया पर नियंत्रण किया जाएगा। पहले से ही विपक्ष कह रही है कि सरकार देश में आवाज को दबाने की कोशिश में जुटी है। इसके अलावा ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 है। इसमें प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन आफ पिरियोडिकल्स बिल (Press and Registration of Periodicals Bill, 2022) भी शामिल है।

चार अन्य विधेयक स्थायी समिति (standing committee) को भेजे जा रहे हैं :

लोकसभा में भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022 (Indian Antarctic Bill, 2022) को इसी साल अप्रैल माह में पेश किया गया है। लेकिन इसे स्थायी समिति के पास नहीं भेजा जाएगा। इसमें अंटार्कटिका में भारत की अनुसंधान गतिविधियों तथा पर्यावरण संरक्षण के लिये विनियमन ढांचा प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी प्रदान की थी।

1981 में शुरू हुआ था भारत का अंटार्कटिका कार्यक्रम

भारत का अंटार्कटिका कार्यक्रम 1981 में शुरू हुआ था और अब तक उसने 40 वैज्ञानिक अभियानों को पूरा किया है। अंटार्कटिका में भारत के तीन स्थायी शिविर हैं जिनके नाम दक्षिण गंगोत्री (1983), मैत्री (1988) और भारती (2012) हैं । अभी मैत्री और भारती पूरी तरह से काम कर रहे हैं। भारत ने मैत्री के स्थान पर एक अन्य अनुसंधान सुविधा केंद्र स्थापित करने की योजना बनायी है। हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने संसद की एक समिति को बताया था कि मैत्री के स्थान पर एक अन्य केंद्र की तत्काल जरूरत है।

कांग्रेस ने असंसदीय शब्दों का मुद्दा उठाया है और जयराम रमेश ने कहा था ‘ओम बिरला से असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल को लेकर ओम बिरला से मिले स्पष्टीकरण का अर्थ कुछ ज्यादा नहीं।’ मीडिया को भी अपने आलेखों में इन शब्दों का इस्तेमाल करने से पहले विचार करना होगा।

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