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भारतीय जूडो खिलाड़ी लिंथोई चनंबम ने रचा इतिहास, भारत को पहला स्वर्ण दिलाया

लिंथोई चनंबम पहली भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने कैडेट विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। फाइनल में उन्होंने ब्राजील की बिनाका रेईस को हराकर खिताब अपने नाम किया।

विस्तार

भारत की जूडो खिलाड़ी लिंथोई चनंबम ने कैडेट विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। यह पदक जीतने के साथ ही उन्होंने इतिहास रच दिया है। लिंथोई किसी भी भारवर्ग या उम्र की पहली भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। उन्होंने सराजेवो में चल रही प्रतियोगिता में महिलाओं के 57 किलोग्राम भारवर्ग में ब्राजील की बिनाका रेईस को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने यह मुकाबला 1-0 के अंतर से अपने नाम किया। इससे पहले उन्होंने एशिया चैंपिनयशिप भी जीती थी।

लिंथोई की जीत पर भारतीय खेल प्राधिकरण ने ट्वीट किया “लिंथोई ने भारत के लिए कैडेट विश्व चैंपियनशिप 2022 में पहला पदक जीता। ब्राजील की बिनाका रेईस को 1-0 से हराया। उन्होंने किसी भी उम्र वर्ग में पहला पदक जीतकर इतिहास रचा है।” इससे पहले किसी भी स्तर पर भारतीय खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में पदक नहीं जीत पाए थे।

लिंथोई टारगेट पोडियम स्कीम का हिस्सा हैं। यह स्कीम देश के खिलाड़ियों को बेहतर बनाने के लिए चलाई गई है, जिसके तहत चुनिंदा खिलाड़ियों को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। इस स्कीम का उद्देश्य यह है कि देश के ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी पदक जीतें और पोडियम में खड़े होकर प्रतियोगिता का अंत करें। भारतीय खेल प्राधिकरण ने अपने दूसरे ट्वीट में बताया कि लिंथोई टारगेट पोडियम स्कीम का हिस्सा हैं।

उभरती हुई खिलाड़ी हैं लिंथोई

लिंथोई टारगेट पोडियम स्कीम का हिस्सा हैं। यह स्कीम देश के खिलाड़ियों को बेहतर बनाने के लिए चलाई गई है, जिसके तहत चुनिंदा खिलाड़ियों को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। इस स्कीम का उद्देश्य यह है कि देश के ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी पदक जीतें और पोडियम में खड़े होकर प्रतियोगिता का अंत करें। भारतीय खेल प्राधिकरण ने अपने दूसरे ट्वीट में बताया कि लिंथोई टारगेट पोडियम स्कीम का हिस्सा हैं।

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