भारतीय टीम ने कॉमनवेल्थ गेम्स की महिला हॉकी के पूल ए में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हमले किए, पेनल्टी कॉर्नर प्राप्त किए लेकिन इंग्लैंड की गोलकीपर मेडलिन हिंच से पार पाना संभव नहीं हो सका और भारत को यह मुकाबला 1-3 से हारना पड़ा.
इस हार के बाद भारत की मुश्किलें बढ़ गई हैं. असल में दोनों ग्रुपों से टॉप दो टीमों को ही सेमीफाइनल में स्थान बनाना है. इस हार के बाद उसकी पहले स्थान पर रहने की संभावनाएं लगभग ख़त्म हो गई हैं.
लेकिन दूसरे स्थान पर रहने के लिए भी उसे तीन अगस्त को कनाडा के साथ होने वाले मुकाबले को हर हाल में जीतना होगा. यह जीत ही उसे ग्रुप में दूसरा स्थान दिला सकती है. सही मायनों में इसकी अहमियत अब क्वार्टर फाइनल जैसी हो गई है.
इंग्लैंड इस मुकाबले में गोल खाए बग़ैर मैच ख़त्म करती नज़र आ रही थी. लेकिन खेल समाप्ति से नौ सेकेंड पहले भारत को आठवां और आखिरी पेनल्टी कॉर्नर मिला. इस पर गुरजीत की ड्रैग फ़्लिक को गोल के ठीक सामने खड़ी वंदना कटारिया ने गोल में डिफ़्लेक्ट कर दिया और भारतीय टीम एक गोल उतारने में सफल हो गई.
हिंच से पार पाना रहा मुश्किल
इंग्लैंड की गोलकीपर मेडलिन हिंच को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में शुमार किया जाता है. उन्होंने अपने प्रदर्शन से दिखाया है कि उन्हें क्यों बेहतरीन गोलकीपर माना जाता है.
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