गणेशजी की लंबी सूड़ इस बात का प्रतीक है कि आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए। जिंदगी में यदि हम सावधान और सतर्क रहकर आगे बढ़ेंगे तो हमें किसी भी प्रकार की बड़ी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
देवताओं में प्रथम पूज्य भगवान गणेशजी हम सभी को अपनी जीवनशैली को सही रखने की सीख देते हैं। गणेशजी का हर अंग हम सभी को एक खास सीख देता है, बता रही हैं इला शर्मा
बड़ा सिर
भगवान गणेशजी का बड़ा सिर हम सभी को हर एक चीज और हर परिस्थिति के बारे में बुद्धिमत्तापूर्वक सोचने की सीख देता है साथ ही सोच बड़ा रखने का भी संदेश देता है।
छोटी आंखें
गणेशजी की छोटी आंखें इस बात का संकेत हैं कि हम सभी को प्रत्येक विषय पर सूक्ष्म दृष्टि रखनी चाहिए साथ ही उस पर अपना ध्यान केंद्रित करना आना चाहिए।
बड़े कान
गणेशजी के बड़े कान इस बात का द्योतक हैं कि हमें दूसरों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए अर्थात अच्छा स्रोता बनना चाहिए। किसी के भी द्वारा कही गई बातों को ध्यानपूर्वक सुनकर ही हम सही निर्णय ले सकते हैं। कहा भी गया है कि एक अच्छा स्रोता बनना बहुत मुश्किल होता है।
छोटा मुंह
विघ्नहर्ता गणेशजी का छोटा मुंह सभी को यह सीख देता है कि हमें कम से कम बोलना चाहिए। यह तो आपने भी सुना और पढ़ा ही होगा कि जो ज्यादा बोलता है लोग उसकी बात पर अधिक ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए हम सभी के लिए यह आवश्यक है कि हम कम से कम बोलें। अपनी बात को सही तरह और जोरदार तरीके से रखने के लिए जरूरी है कि हम कम से कम शब्दों में अपनी बात कहें।
लंबी सूड़
गणेशजी की लंबी सूड़ इस बात का प्रतीक है कि आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए। जिंदगी में यदि हम सावधान और सतर्क रहकर आगे बढ़ेंगे तो हमें किसी भी प्रकार की बड़ी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बड़ा पेट
लंबोदर कहे जाने वाले गणेशजी का बड़ा पेट हमें यह सिखाता है कि किसी से जुड़ी किसी भी प्रकार की बात हो अर्थात वह अच्छी हो या खराब, हमें उन बातों को अपने पेट में समाहित कर लेना चाहिए अर्थात हमारे अंदर हर बात को पचाने की शक्ति होनी चाहिए।ऐसा न हो किसी ने अपनी कोई बात हमें बताई और हम उसे दूसरों के साथ साझा करने लगें।
चार हाथ
भगवान गणेशजी के चारों हाथ इस बात का संकेत देते हैं कि चाहे हम कार्यस्थल पर हों या घर पर हों। हममें आपस में एकजुटता अवश्य होनी चाहिए। यह तो आपको भी पता ही है कि एक टीम के रूप में काम करने पर सफलता अवश्य मिलती है साथ ही हमें कोई हानि नहीं पहुंचा सकता है।
टूटा हुआ दांत
विघ्नहर्ता का टूटा हुआ दांत यह सिखाता है कि हम सभी के अंदर देश और घर-परिवार के लिए बलिदान की भावना अवश्य होनी चाहिए। अगर हमारे त्याग और बलिदान से किसी को कोई खुशी मिलती है तो हमें इसके लिए हमेशा आगे बढ़कर तैयार रहना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि हमें केवल अपने सुख के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए। घर-परिवार और समाज के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी बनती है।
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