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Malaria Vaccine: #1मलेरिया का टीका जल्द आएगा, अमेरिकी ट्रायल रहा सफल

मलेरिया मच्छर

Malaria Vaccine:

Malaria Vaccine:-मलेरिया के कारण दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है. मलेरिया के खिलाफ सुरक्षा देने के लिए अब एक वैक्सीन बन रही है. उम्मीद की जा रही है कि यह वैक्सीन मलेरिया के खिलाफ उच्च दर्जे की सुरक्षा देगी.
Malaria Vaccine: द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ फेज 1 क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों के अनुसार मलेरिया के खिलाफ एक उम्मीद जगी है. एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (mAb) का एक इंजेक्शन, जिसे L9LS के रूप में जाना जाता है, मलेरिया परजीवी के संपर्क में आने वाले अमेरिकी वयस्कों में सुरक्षित पाया गया है और यह मलेरिया के खिलाफ भी उच्च सुरक्षा प्रदान करता है.

क्या यह टीका (L9LS) मासूमों और बच्चों में मौसमी और बारहमासी मलेरिया से 6 से 12 महीने तक सुरक्षा दे सकता है? यही जांच करने के लिए माली और केन्या में क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है. बता दें कि इन देशों में मलेरिया अब एंडेमिक की श्रेणी में पहुंच चुका है. यह ट्रायल NIH के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) ने किया है.

मलेरिया मच्छर

NIAID के निदेशक एंथनी एस. फॉउची ने कहा, शुरुआती क्लिनिकल ट्रायल के रिजल्ट से उम्मीद जगती है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इंसान को मलेरिया से बचाने में अहम भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा एक बार लगने के बाद अगर यह इंजेक्शन 6 से 12 महीने तक मलेरिया से सुरक्षा प्रदान करता है तो यह बहुत ही उत्साहवर्धक साबित हो सकता है. खासतौर पर यह मलेरिया से पीड़ित देशों में बच्चों की मृत्यु दर कम करने, स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने, सैन्यकर्मियों और यात्रियों को ऐसे देशों में मलेरिया से बचाने में अहम होगा.

दरअसल मलेरिया एक मच्छर जनित रोग है जो प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि साल 2020 में 240 मिलियन यानी 24 करोड़ लोगों को मलेरिया हुआ था, और उसमें से 6 लाख 27 हजार लोगों की इस बीमारी ने जान ले ली थी.

उप-सहारा अफ्रीकी देशों में मलेरिया का बहुत प्रकोप है. यहां पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मौत के मामलों में 80 फीसद कारण मलेरिया होता है. अब मलेरिया से बचाने वाली वैक्सीन उपलब्ध है. हालांकि, इसकी प्रभावशीलता को लेकर अब भी कुछ समस्याएं हैं, लेकिन इसमें लगातार बदलाव करके इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाया जा रहा है.

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