Site icon Memoirs Publishing

पितृ अमावस्या पर श्रद्धालुओं के लिए रहेगा नारायणी शिला मंदिर बंद

पितृ अमावस्या पर श्रद्धालुओं के लिए रहेगा नारायणी शिला मंदिर बंद

हरिद्वार। 6 अक्टूबर (बुधवार ) को पितृ पक्ष की अमावस्या है। हर साल पितृ अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने हरिद्वार पहुंचते हैं. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कर्मकांड अनुष्ठान के लिए नारायणी शिला को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है।
बता दें कि पितृ अमावस्या के दिन नारायणी शिला मंदिर में मेला लगता था, जिसमें हजारों लोग शामिल होते थे। मगर इस बार भी यह मंदिर कोरोना संक्रमण की वजह से बंद रहेगा। मंदिर के गेट पर बड़ा सा बैनर लगा हुआ है। जिसपर सूचना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन अनुसार मंदिर में लगने वाला पितृ विसर्जनी अमावस्या मेला स्थगित किया गया है। साथ ही मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए भी बंद किया गया है। श्री नारायणी शिला मंदिर में पितृ विसर्जनी अमावस्या पर हर साल बड़ा मेला लगता रहा है। इस मेले में बड़ी संख्या में लोग अपने पितरों के निमित्त पूजा करने आते रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना और कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए मंदिर प्रबंधन और प्रशासन ने यहां लगने वाले मेले को स्थगित करने और मंदिर को बंद करने का फैसला लिया है। नारायणी शिला मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं को अपना श्राद्ध कर्म घर पर ही करने को कहा गया है। सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। पितृ विसर्जन अमावस्या पक्ष का अंतिम दिन है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा की राशि मिलती है। इस दिन चंद्रमा नहीं निकलते हैं, जिन्हें अपने पितरों की तिथि का ध्यान नहीं होता है, वो कल पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अमावस्या के दिन गंगा के तट पर स्नान नहीं कर पाए, तो कहीं पर भी स्नान किया जा सकता है। घर पर भी गंगा का ध्यान कर स्नान करने पर वही पुण्य की प्राप्ति होती है, जो गंगा तट पर स्नान करने से प्राप्त होती है। इस दिन दान भी घर से करने से भी सहस्र फल की प्राप्ति होती है।

Share this content:

Exit mobile version