नोएडा के सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावरों को कल यानी कि रविवार 28 अगस्त को ढहाया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक सुपरटेक के इन टावरों को ढहाने से 60 हजार टन मलबा निकलने की आशंका है। अधिकारियों का दावा है कि बिल्डिंग्स को सुरक्षित तरीके से ढहाने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं, जिससे बिल्डिंग को ढहाने के लिए किए जाने वाले विस्फोट से मलवा इधर-उधर न जाने पाए और आसपास की बिल्डिंगों को नुकसान न हो।
वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विशेषज्ञों को आशंका है कि बिल्डिगों के ढहने से हवा में धूल का अंबार उठ सकता है, जिसके कारण दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बिल्डिंग्स को ढहाने की प्रक्रिया के दौरान होने वाले प्रदूषण के खतरे से सभी लोगों को विशेष बचाव करते रहने की आवश्यकता है। धूल का अंबार लोगों के घरों में न प्रवेश करने पाए इस बात का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं- टावरों को ढहाने की प्रक्रिया के दौरान आसपास के सभी लोग अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां अच्छी तरह से बंद रखें, जिससे धूल या मलवा आपके घर में आने पाए। इससे इनडोर प्रदूषण का जोखिम हो सकता है, जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।
सांस के रोगी विशेष सावधानी बरतें
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, टावरों को ढहाने से होने वाला प्रदूषण आपमें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाला हो सकता है, इससे उन लोगों को विशेष बचाव करते रहने की आवश्यकता है जो पहले से ही किसी भी प्रकार की सांस की बीमारियों के शिकार हैं। अस्थमा और सीओपीडी वालों को रविवार के दिन घर के अंदर ही रहकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। आपकी जरा सी भी लापरवाही आपकी समस्याओं को ट्रिगर कर सकती है। आइए जानते हैं कि अस्थमा जैसे सांस के रोगियों को किन बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है?
घर में रहें और बचाव करें
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों को अस्थमा जैसी सांस की समस्याएं हैं उन्हें घर में रहते हुए भी सुरक्षात्मक उपायों का ख्याल रखने की आवश्यकता है। कमरे को खिड़कियों को बंद रखकर धूल से बचाव करें। धूल और प्रदूषण के माहौल में अस्थमा की समस्या ट्रिगर हो सकती है, इसलिए तब तक बाहर जाने से बचें जब तक धूल अच्छी तरीक से हवा से खत्म न हो जाए। घर में जमे धूल को गीले कपड़े से साफ करें।
सांस पर निगरानी रखें
अगर आपको अस्थमा की समस्या है तो इस दौरान सांस के पैटर्न को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहना चाहिए। हल्की खांसी, घरघराहट या सांस की तकलीफ होते ही इनहेलर का प्रयोग करें जिससे समस्या बढ़ने न पाए। घर के भीतर एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें जिससे हवा ताजी रहे और आपको सांस लेने में किसी तरह की दिक्कत न होने पाए। शरीर को हाइड्रेटेड रखने पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
पहले से ही इनहेलर और दवाइयां अपने पास रख लें
अस्थमा अटैक की स्थिति में आपको तुरंत इनहेलर की जरूरत होती है, इसलिए आज ही इसकी दवाइयों का इंतजाम कर लें। आपातकालीन स्थितियों में सांस लेने में यह आपके लिए सहायक मानी जाती है। जोखिम कारकों का ध्यान रखें और बचाव करते रहें। यदि किसी स्थिति में दवाइयों और इनहेलर्स से भी आराम न मिल रहा हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।