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उत्तराखंड में बारिश: बरसात के बाद भूस्खलन से प्रदेशभर में कई सड़कें बंद, घरों में घुसा मलबा

उत्तराखंड

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए मुसीबत जा रही है। बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बंद हो रहीं हैं, जिससे जगह-जगह यात्री फंस रहे हैं। घरों में मलबा घुसने से ग्रामीण परेशान हैं।

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए मुसीबत जा रही है। बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बंद हो रहीं हैं, जिससे जगह-जगह यात्री फंस रहे हैं। पुलों के टूटने से भी ट्रैफिक बाधित हो रहा है। बारिश के बाद शहरों में जलभराव तो ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में मलबा घुस रहा है। मौसम विभाग ने मंगलवार को पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश, गर्जन के साथ बारिश की संभावना है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा।

रुद्रप्रयाग जिले में बीती रात हुई भारी बारिश के चलते छिनका गांव में अनुसूचित बस्ती में लोगों के घरों में मलबा घुस गया। जबकि कई लोगों के खेत तबाह हो गए। बारिश की वजह से गौशाला भी क्षतिग्रस्त हुई है। सूचना पर टीडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना हो गई है। राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है।

चोपता-तड़ाग मोटरमार्ग पर भूस्खलन

रुद्रप्रयाग, चमोली सहित पर्वतीय जिलों में  लगातार हो रही बारिश के साथ तेज धूप पड़ने के कारण पहाड़ों में भूस्खलन होने लगा है। कई जगहों पर लोग दहशत में है और अपने घरों को खाली करने के लिए मजबूर हैं। रुद्रप्रयाग जनपद के चोपता-तड़ाग मोटरमार्ग पर भारी भूस्खलन होने से गांव को खतरा पैदा हो गया है।

यहां मोटर मार्ग का करीब तीस मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। प्रशासन ने खतरे को देखते हुए तीन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है जबकि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में स्कूल जाने के साथ ही ग्रामीणों की आवाजाही का मार्ग बंद हो गया है। रविवार रात से अगस्त्यमुनि ब्लॉक के तड़ाग गांव के नीचे रुद्रप्रयाग चोपता तडाग मोटर मार्ग के पास बड़ी मात्रा में भूस्खलन हो रहा है। सोमवार को हुए भूस्खलन से तीन परिवारों को खतरा पैदा हो गया है।

70 परिवारों की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। सूचना पर मौके पर पहुंची तहसीलदार रुद्रप्रयाग मंजू राजपूत ने सोमवार को मौके का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि डीडीआरएफ और ग्रामीणों की मदद से तीन परिवार बीरपाल सिंह, बरदेश्वर सिंह और धनपत सिंह को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर लिया है। कुछ गौशालाएं भी खतरे की जद में आ सकती है इसलिए पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। चार परिवारों को तिरपाल दिया गया है। क्षेत्र में भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जाएगा।

उधर, भूस्खलन के चलते क्षेत्र में मोटर मार्ग के का तीस मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। पहाड़ी से यहां पर एक साथ कई टन मलबा गिरा है। ग्राम प्रधान वृजमोहन सिंह नेगी ने बताया कि चोपता-तड़ाग मोटरमार्ग पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। भूस्खलन के कारण ग्रामीण रात भर सो नहीं पा रहे हैं। कई आवासीय घर भी भूस्खलन के कारण खतरे की जद में आ गए हैं। एसडीएम सदर अर्पणा ढौंडियाल ने बताया कि तहसीलदार के नेतृत्व में प्रशासन की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। ग्रामीणों को सर्तक किया गया है।

सड़क टूटने से सेब की गाड़ियां फंसी

उत्तरकाशी जिले में भारी मूसलाधार बारिश होने से मोरी प्रखंड के सेब बागवानी क्षेत्र को जोड़ने वाला मोरी-सांकरी मुख्य मोटर मार्ग आवाजाही के लिए ठप हो गया है। यहां मार्ग पर फपराला खड्ड के समीप करीब 15 मीटर सड़क धंस जाने से आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। जिसके चलते क्षेत्र के 22 गांवों का आवागमन ठप होने के साथ सेब व्यापार पर रोक लग गई है।

क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। आए दिन सड़कें बंद होने से ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को मोरी-सांकरी मार्ग फफराला खड्ड के पास एक बार फिर बाधित हो गया। मोरी क्षेत्र में इन सेब तुड़ाई चरम पर है और ट्रकों में लदकर सेब बाहरी मंडियों में बिक्री के लिए भेजा जा रहा है।

लेकिन मार्ग बंद होने से सेब की गाड़ियों के पहिए थम गए हैं। मार्ग पर कई वाहन फंसे हुए हैं। जबकि कई गांवों की आवाजाही भी बंद हो गई है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता दीपक कुमार ने बताया कि मोटर मार्ग बंद होने की सूचना मिली है, जिसको खोलने के लिए जेसीबी मशीन व अवर अभियंता को भेज दिया गया है। जल्द ही मोटर मार्ग को खोला जायेगा।

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