अल्मोड़ा. उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में इन दिनों कुमाऊं महोत्सव 2022 की धूम मची हुई है. शहर में दो साल बाद यह कार्यक्रम हो रहा है. जीआईसी मैदान में आयोजित कुमाऊं महोत्सव में उत्तराखंड के लोक कलाकार प्रस्तुति दे रहे हैं और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं. इसके अलावा स्थानीय कलाकारों को भी अपना हुनर दिखाने का यहां मंच मिला है. यदि हम कुमाऊंनी गीतों की बात करें, तो आज कुमाऊंनी गीतों में काफी अंतर देखने को मिलता है. आजकल के युवा तेज संगीत और डांस वाले गाने पसंद कर रहे हैं. देखा जाए तो युवा पीढ़ी के म्यूजिक का टेस्ट काफी बदल गया है.
उत्तराखंड में कुमाऊंनी गीतों पर पुरानी और युवा पीढ़ी एक साथ काम कर रही है, इसके बावजूद पुराने गीतों को लोग भूलते जा रहे हैं. आजकल के युवा कलाकार पुराने गानों को रीमिक्स करके पेश कर रहे हैं और उन्हें लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इन दिनों उत्तराखंड में ‘क्रीम पौडरा’ गाना हर किसी की जुबान पर चढ़ा हुआ है. इस गीत के गायक राकेश खनवाल कुमाऊं महोत्सव में पहुंचे और जैसे ही उन्होंने मंच से इस गीत को दोहराया, वहां मौजूद लोग जमकर झूम उठे.
राकेश खनवाल ने बताया कि पुराने गीतों को लोग सुना करते थे, पर आजकल की युवा पीढ़ी को कुमाऊंनी गीतों में सिर्फ डांस चाहिए और उनमें चटकीलापन होना चाहिए. राकेश बताते हैं कि वह करीब 19 सालों से कुमाऊंनी गीतों पर काम कर रहे हैं. पुराने और नए गीतों को रीमिक्स करके लोगों के सामने पेश किया जा रहा है. इन गानों को लोग काफी पसंद करते हैं. उनका कहना है कि आने वाले समय में वह पुराने गीतों को दोबारा से जीवित करना चाहते हैं.
लोक कलाकार चंदन सिंह नेगी बताते हैं कि वह 1993 से इस इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं. उनका मानना है कि पुराने और आज के गीतों में काफी अंतर आ चुका है. पहले इतने वाद्य यंत्र नहीं होते थे, पर अब विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्र हैं, जिससे गीतों में काफी नयापन आता है. युवा कलाकार इन गीतों को बखूबी जनता के सामने पेश कर रहे हैं.
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