आगामी एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप में विराट कोहली और केएल राहुल की भूमिका काफी अहम होने वाली है। इन दोनों के आने से एक बार फिर थिंक टैंक को सही संयोजन के लिए माथापच्ची करनी होगी।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली पूरी तरह से फिट और चयन के लिए उपलब्ध है, लेकिन पिछले एक दशक पहली बार क्रिकेट जगत में टीम में उनकी जगह को लेकर चर्चा चल रही है। पिछले साल यूएई में खेले गए टी20 विश्व कप में टीम के बेहद ही खराब अभियान का ठीकरा शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों पर फूटा था, जो तेजी से रन बनाने में विफल रहे थे। इस बात पर काफी चर्चा हुई थी क्या लोकेश राहुल, रोहित और कोहली को शीर्ष के तीन स्थान पर बल्लेबाजी करनी चाहिये।
खेल के ज्यादातर जानकार हालांकि इसके पक्ष में नहीं थे। भारतीय टीम अगर एशिया कप और टी20 विश्व कप में इन तीनों बल्लेबाजों को प्लेइंग इलेवन में रखती है, तो इसका असर टी20 प्रारूप में देश के लिए पिछले कुछ समय में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर पड़ेगा। इसमें ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव और दिनेश कार्तिक में से किसी को टीम से बाहर होना पड़ सकता है। पंत के पास किसी भी समय मैच का पासा पलटने की क्षमता है, तो सूर्यकुमार आसानी से मैदान के किसी भी हिस्से में बड़ा शॉट लगा सकते हैं। कार्तिक टीम में विशेषज्ञ फिनिशर (आखिरी ओवर के विशेषज्ञ बल्लेबाज) की भूमिका निभाते है।
कोहली और राहुल के लिए क्या इनमें किसी एक बल्लेबाज को ड्रेसिंग रूम में बैठना पड़ेगा?
यह अहम सवाल है और भारतीय टीम प्रबंधन को इसका जवाब तलाशना होगा। हरफनमौला हार्दिक पांड्या और रविन्द्र जडेजा की जगह इस टीम में पक्की है और फिर चार विशेषज्ञ गेंदबाज होंगे। इससे टीम में सिर्फ पांच बल्लेबाजों के लिए जगह होगी। इसमें अंतिम एकादश में जगह को लेकर माथापच्ची होगी।
पिछले साल के टी20 विश्व कप के बाद कोहली ने टी20 की चार पारियों में 17, 52, एक और 11 रन बनाये है। इस मामले में बड़ा सवाल यह भी है कि क्या टीम प्रबंधन कोहली को अपने हिसाब से खेलने देगा या उन्हें पारी की शुरुआत से ही आक्रामक बल्लेबाजी करनी होगी।
रोहित की कप्तानी में टीम आक्रामक बल्लेबाजी कर रही है। वह खुद भी आतिशी तेवर में बल्लेबाजी कर रहे है। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में उन्होंने क्रमश: पंत और सूर्यकुमार के साथ पारी का आगाज कर सबको चौका दिया। भारतीय कप्तान ने इस दौरान 16 मैचों में 145 के स्ट्राइक रेट से लगभग 450 रन बनाये। पंत और सूर्यकुमार ने भी पारी का आगाज करते हुए आक्रामक तेवर दिखाये। दीपक हुड्डा भी शानदार लय में है और उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ पारी का आगाज करते हुए शतक जड़ा था।
हुड्डा ने तीसरे क्रम पर भी अच्छी बल्लेबाजी कर प्रभावित किया है। एशिया कप के शुरुआती मैचों में उनके लिए टीम में जगह बनाना मुश्किल होगा, लेकिन ऑफ स्पिन गेंदबाजी के कारण वह मजबूत विकल्प होंगे।
राहुल के बारे में पहले कहा गया था कि वह पूरी तरह से फिट नहीं है और एशिया कप से टीम में वापसी करेंगे, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ 28 अगस्त को टीम के पहले मैच को देखते हुए उन्हें मैच अभ्यास देने के लिए जिम्बाब्वे दौरे की टीम में जोड़ा गया।
राहुल जिम्बाब्वे में शिखर धवन की जगह टीम का नेतृत्व करेंगे। टीम को हालांकि सबसे ज्यादा माथापच्ची पंत, सूर्यकुमार और कार्तिक में से किसी दो को चुनने पर करनी होगी।
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