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Army Logistics Conference: आर्मी चीफ बोले- युद्ध केवल सेनाओं के बीच नहीं, इसमें पूरे देश का प्रयास शामिल

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सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध राष्ट्रीय लचीलापन का परीक्षण करते हैं और देश के संसाधनों और क्षमताओं को बढ़ाते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष इसका एक उपयुक्त उदाहरण है।

भारतीय सेना द्वारा आर्मी लॉजिस्टिक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाग लिया। इस दौरान सेना को आधुनिक बनाने से लेकर युद्ध के प्रभाव पर चर्चा की गई। इस दौरान सेना प्रमुख ने अपना संबोधन भी दिया। उन्होंने युद्ध पर चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध केवल सेनाओं के बीच नहीं होते हैं बल्कि इसमें पूरे देश का प्रयास शामिल होता है। युद्ध राष्ट्रीय लचीलापन का परीक्षण करते हैं और देश के संसाधनों और क्षमताओं को बढ़ाते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष इसका एक उपयुक्त उदाहरण है।

सैन्य अभियानों की गति तेज करने के लिए  पर्याप्त रसद आपूर्ति बहुत जरूरी
सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध में अगर कोई देश पिछड़ता है तो उसके पीछ रसद आपूर्ति की कमी भी एक बड़ी वजह होती है। सैन्य अभियानों की गति, तीव्रता और पहुंच  बनाने के लिए पर्याप्त रसद आपूर्ति बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रसद आपूर्ति की निगरानी बहुत जरूरी है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि कुशल संयुक्त सैन्य-नागरिक संरचनाओं को लागू करने में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और हाल ही में चीन द्वारा उठाए गए त्वरित कदम इस मुद्दे से जुड़ी तात्कालिकता को रेखांकित करते हैं।

देश के लिए सुरक्षित और त्वरित रसद आपूर्ति प्रणाली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में दुनिया इस तरह जुड़ी है जैसा पहले कभी नही था। इसमें भी रसद और आपूर्ति श्रृंखला की बड़ी भूमिका है। हम दुनिया के एक हिस्से में बैठकर दूसरे हिस्से की जानकारी प्राप्त करने के साथ कोई सामान भी मंगवा सकते हैं।  किसी देश की अर्थव्यवस्था को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक मजबूत, सुरक्षित और त्वरित रसद आपूर्ति प्रणाली एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता होती है। आज हमारा देश दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।

भारत 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में देश में रसद को एकीकृत करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण नीतियां तैयार की हैं।

गोगरा-हॉटस्प्रिंग क्षेत्र से वापसी तय कार्यक्रम के अनुसार

 

कार्यक्रम से इतर, सेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से भारतीय और चीनी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रही है। उन्होंने कहा, मुझे इस संबंध में अभी समीक्षा करनी है। लेकिन, यह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रही है। दरअसल, पांच मई, 2020 को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे भारी हथियारों से लैस हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी थी। हाल ही में चीनी की सेना ने घोषणा की थी कि उसने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से हटना शुरू कर दिया है, जिसके एक दिन बाद नौ सितंबर को विदेश मंत्रालय की ओर से इस बारे में टिप्पणी की गई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि समझौते के अनुसार, इस क्षेत्र में वापसी की प्रक्रिया 8 सितंबर को सुबह 8:30 बजे शुरू हुई और 12 सितंबर तक पूरी हो जाएगी।

 

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