अल्मोड़ा. सभी जगह पर हाईटेक चीज बन रही है या फिर बन चुकी है, पर अल्मोड़ा में आज भी केमू स्टेशन वही पुराने ढर्रे में चल रहा है. अल्मोड़ा के केमू स्टेशन की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि यात्रियों के साथ वहां बैठने वाले कर्मचारियों को डर सा लगता है. कहीं भवन की दीवार या फिर छत गिर ना जाए. अल्मोड़ा में साल 1952 में केमू स्टेशन की स्थापना हुई थी.
वैसे तो के केमू बस हल्द्वानी से संचालित होती है, अल्मोड़ा कि माल रोड में स्थित है केमू स्टेशन. यहां से कई बस अपने गंतव्य को जाती है पर यहां के यात्रियों को बैठने की सुविधा तक नहीं है. यात्रियों को जमीन पर या खड़े रहना पड़ता है. अल्मोड़ा के केमो स्टेशन की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि छत और दीवारों में दरारें आने से कर्मचारियों को हर समय डर सताता है बरसात के समय तो खतरा और बढ़ जाता है.
यात्री नमिता जलाल ने बताया केमू स्टेशन की हालत इतनी खराब हो रही है कि लोगों को बैठने तक की सुविधा नहीं है. लोग जमीन में बैठकर या फिर एक दूसरे के साथ चिपककर बैठते है, और अपनी गाड़ी का इंतजार करते हैं. दीवारों पर लोगों के द्वारा थूक गया है जिससे और भी गंदगी फैल रही है. छत और दीवारें टूट रही है इसके लिए प्रशासन और सरकार को शुद्ध लेनी चाहिए और इसे ठीक कराया जाना चाहिए.
Share this content: