केदारनाथ के लिए रोपवे बन जाने के बाद सोनप्रयाग से केदारनाथ की यात्रा महज 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। रोपवे की क्षमता प्रति घंटा पांच हजार यात्रियों को ले जाने की होगी। पैदल ट्रैक का भी होगा निर्माण।
केदारनाथ के लिए रोपवे का रास्ता साफ हो गया है। इस परियोजना को राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। परियोजना पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। रोपवे बन जाने के बाद राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
पर्वतमाला परियोजना के तहत होगा निर्माण
प्रमुख सचिव, वन एवं लोनिवि, आरके सुधांशु ने गुरुवार को बताया कि राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने केदारनाथ सेंक्चुरी एरिया में रोपवे के निर्माण को स्वीकृति दे दी है। साथ ही केदारनाथ के पैदल ट्रेक व हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी बोर्ड ने हरी झंडी दिखा दी है। इन परियोजनाओं का निर्माण केंद्र सरकार की पर्वतमाला परियोजना के तहत किया जाएगा। इस परियोजना में कुल 26 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जाएगी।
सोनप्रयाग से केदारनाथ 30 मिनट में
केदारनाथ के लिए रोपवे बन जाने के बाद सोनप्रयाग से केदारनाथ की यात्रा महज 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। रोपवे की क्षमता प्रति घंटा पांच हजार यात्रियों को ले जाने की होगी। साथ ही राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने रामबाड़ा से गरुड़चट्टी तक साढ़े पांच किलोमीटर पैदल ट्रैक के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। यह मार्ग 2013 की आपदा में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।
हेमकुंड साहिब रोपवे को भी हरी झंडी
हेमकुंड साहिब रोपवे को भी हरी झंडी राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड ने सेंचुरी क्षेत्र नहीं होने के कारण हेमकुंड रोपवे परियोजना को मंजूरी को जरूरी नहीं माना। ऐसे में अब इस परियोजना को भी हरी झंडी मिल गई है।
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