Maharashtra: सीबीआई अब बिना अनुमति के राज्य के मामलों में जांच कर सकेगी। दरअसल महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने पिछली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के फैसले को पलट दिया है। ठाकरे नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने एजेंसी को दी हुई यह सामान्य सहमति वापस ले ली थी।
एक अधिकारी ने बताया कि शिंदे सरकार ने केंद्रीय जांच एंजेंसी को दी गई सामान्य सहमति को बहाल कर दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिंदे ने उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाले गृह विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें राज्य के मामलों में जांच के लिए सीबीआई को सामान्य सहमति देने का फैसला किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस फैसले को उलटने के साथ ही सीबीआई को मामलों की जांच के लिए अब राज्य सरकारी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
21 अक्तूबर, 2020 को उद्धव टाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने यह तर्क देते हुए सीबीआई से इस सामान्य सहमति को वापस ले लिया था कि केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिद्वंद्वता के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
मुंबई पुलिस ने एक नवंबर से बढ़ाई सख्ती
- इस बीच मुंबई पुलिस ने एक नवंबर से एक पखवाड़े तक पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने, अवैध जुलूस, लाउड स्पीकर के इस्तेमाल समेत अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस उपायुक्त (संचालन) ने गुरुवार को यह आदेश शांति, कानून-व्यवस्था, मानव जीवन और संपत्ति के लिए खतरे के बारे में पुलिस को मिली जानकारी के मद्देनजर जारी किया।
- आदेश के अनुसार 1 नवंबर से 15 नवंबर तक पांच या अधिक व्यक्तियों का एकत्र होना, अवैध जुलूस और लाउडस्पीकर, बैंड और पटाखे फोड़ना प्रतिबंधित है। महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत जारी आदेश में शादियों, अंत्येष्टि, क्लबों, कंपनियों, सहकारी समितियों, थिएटरों और सिनेमा हॉल में बैठकों में छूट दी गई है।