हाईकोर्ट शिफ्टिंग की बात जब से गाहे-बगाहे की जा रही थी तभी से कुछ पक्ष तो कुछ विरोध में उतर आए थे। नैनीताल के कुछ वकील हाईकोर्ट में नैनीताल ही चाहते थे जबकि हल्द्वानी के वकील और व्यापारी इसे कुमाऊं के प्रवेश द्वार के लिए जोर लगा रहे थे। रामनगर के लोगों की भी अपने वहां की मांग थी। नैनीताल में हाईकोर्ट स्थापित होने से पूर्व इसे रामनगर, कालागढ़ या हल्द्वानी में स्थापित किए जाने की मांग पहले से चली आ रही थी। हाईकोर्ट नैनीताल स्थापित होने के बाद मामला शांत हो गया लेकिन विभिन्न संगठन लगातार रामनगर, हल्द्वानी और कालागढ़ में हाईकोर्ट बनाने की मांग समय-समय पर करते रहे। कुछ समय पूर्व गढ़वाल से मांग उठी कि हाईकोर्ट की बेंच देहरादून में स्थापित की जाए।कुछ महीनों पहले नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट किए जाने की कवायद शुरू होने के बाद नैनीताल में व्यापारी, अधिवक्ता और राजनीतिक संगठनों के लोग मुखर हो गए। कुछ लोग हाईकोर्ट नैनीताल में ही बनाए रहने के पक्षधर रहे तो कुछ लोग नैनीताल के पर्यटन को प्रभावित होने से बचाने के लिए हाईकोर्ट शिफ्ट करने की वकालत करने लगे।
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