दो दिनों तक अब बिना पुस्तकों के ही बदरीनाथ की पूजा-अर्चना की जाएगी। शुक्रवार को बदरीनाथ धाम परिसर में लक्ष्मी मंदिर में कड़ाई भोग का आयोजन किया जाएगा।बदरीनाथ धाम में बृहस्पतिवार से वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया है
दो दिनों तक गुप्त मंत्रों से ही भगवान बदरीनाथ की पूजा-अर्चना संपन्न होगी। बृहस्पतिवार को तड़के भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के बाद वेद पुस्तक, विष्णु सहस्रनाम, खड़ग पुस्तक और भागवत पुराण की पुस्तकें बदरीनाथ धाम के गर्भगृह में रखी गईं।
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