उत्तराखंड में आज भी तमाम गांव ऐसे हैं, जहां 4-जी नेटवर्क उपलब्ध नहीं है। राज्य सरकार के प्रयासों के बाद दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय ने देशभर के 4-जी मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित गांवों में सुविधा देने का निर्णय लिया गया।4-जी सेवाओं से वंचित गांवों में बीएसएनएल 4-जी के टावर लगाने के लिए सरकार दो हजार वर्ग फीट भूमि निशुल्क देगी। इससे प्रदेश के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों तक 4-जी कनेक्टिविटी की राह आसान हो जाएगी। दरअसल, बीएसएनएल को हाल ही में 4-जी नेटवर्क आवंटित हुआ है।
प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच आज भी तमाम गांव ऐसे हैं, जहां 4-जी नेटवर्क उपलब्ध नहीं है। राज्य सरकार के प्रयासों के बाद दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय ने देशभर के 4-जी मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित गांवों में यह सुविधा देने का निर्णय लिया गया।इसके तहत चिह्नित क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाने के लिए भूमि, वन क्षेत्रों की त्वरित एनओसी, निर्माण स्थल के लिए भूमि अधिग्रहण या लीज, मार्ग का अधिकार की अनुमति और बिजली कनेक्टिविटी के लिए राज्य सरकार सक्रिय सहयोग करेगी। कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया है कि टावर लगाने के लए 2000 वर्ग फीट भूमि का निशुल्क आवंटन किया जाएगा।आवंटित निर्माण स्थलों तक बिजली आपूर्ति का विस्तार और अगर व्यवस्था न हो तो तीन माह के भीतर प्रावधान किया जाएगा। बीएसएनएल का सहयोग करने के लिए सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट का निर्धारण किया जाएगा। माना जा रहा है कि इससे जल्द ही प्रदेश के दुर्गम गांवों तक 4-जी मोबाइल की घंटी बजेगी।
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