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खड़खड़ी में बनेगा उत्तराखंड का पहला गैस शवदाह गृह, लकड़ी की निर्भरता और धुंआ होगा कम

Uttarakhand's first gas crematorium will be built in Kharkhadi

Uttarakhand's first gas crematorium will be built in Kharkhadi

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जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में खड़खड़ी स्थित विद्युत शवदाह गृह के संचालन को लेकर सेवा समिति पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। समिति अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने बताया कि श्मशान घाट में विद्युत शवदाह गृह है, लेकिन लोग अपनों का अंतिम संस्कार उसमें नहीं करते हैं।हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित श्मशान घाट पर राज्य का पहला गैस आधारित तकनीक से संचालित शवदाह गृह का निर्माण होगा। इससे शवदाह के लिए लकड़ी की निर्भरता और धुएं को काफी हद तक कम किया जा जा सकेगा। जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने इस मामले में अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

Haridwar: खड़खड़ी में बनेगा उत्तराखंड का पहला गैस शवदाह गृह, लकड़ी की निर्भरता और धुंआ होगा कम

जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में खड़खड़ी स्थित विद्युत शवदाह गृह के संचालन को लेकर सेवा समिति पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। समिति अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने बताया कि श्मशान घाट में विद्युत शवदाह गृह है, लेकिन लोग अपनों का अंतिम संस्कार उसमें नहीं करते हैं।हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित श्मशान घाट पर राज्य का पहला गैस आधारित तकनीक से संचालित शवदाह गृह का निर्माण होगा। इससे शवदाह के लिए लकड़ी की निर्भरता और धुएं को काफी हद तक कम किया जा जा सकेगा। जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने इस मामले में अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। बुधवार को जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में खड़खड़ी स्थित विद्युत शवदाह गृह के संचालन को लेकर सेवा समिति पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। समिति अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने बताया कि श्मशान घाट में विद्युत शवदाह गृह है, लेकिन लोग अपनों का अंतिम संस्कार उसमें नहीं करते हैं। सिर्फ लावारिस लाशों के लिए ही विद्युत शवदाह गृह का प्रयोग हो रहा है। लोक निर्माण विभाग विद्युत एवं यांत्रिक ऋषिकेश के अधिशासी अभियंता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि विद्युत शवदाह गृह के जीर्णोद्धार में 142.74 लाख रुपये खर्च होंगे। लेकिन गैस आधारित शवदाह गृह का निर्माण 123.47 लाख रुपये से हो जाएगा। नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने कहा कि विद्युत शवदाह गृह के संचालन में बिजली के बिलों का भुगतान बड़ी समस्या है। उन्होंने बताया कि किसी भी शव के दाह संस्कार से 24 घंटे पूर्व शवदाह गृह को चालू करना होता है। इसमें बहुत अधिक बिजली खर्च होती है। सेवा समिति के अध्यक्ष ने कहा कि खड़खड़ी स्थित श्मशान घाट में लकड़ियों से शवों का दहन किया जाता है। अधिशासी अभियंता ने कहा कि तकनीक में परिवर्तन कर लकड़ी के स्थान पर गैस का प्रयोग किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने गैस तकनीक आधारित शवदाह गृह का निर्माण कराया जाए और अभियंता इसकी स्थलीय रिपोर्ट दें। इस दौरान उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. अजीत सिंह, सुभाष पंवार, लोनिवि हरिद्वार के सहायक अभियंता ऋषिराम वर्मा मौजूद रहे।

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