भारतीय फिल्म की दुनिया में कभी एक ऐसा दौर था जब महिलाओं का वहां काम करना गलत माना जाता था। पहले के जमाने में कम ही महिलाएं सिनेमा की जादुई दुनिया में अपना दमखम दिखा पाती थीं। हालांकि वक्त बदलता गया और अब एक से बढ़कर एक अभिनेत्रियां फिल्मों में नाम कमा रहीं हैं। इस बीच अगर इतिहास के पन्नों को पीछे पलट कर देखें, तो पाएंगे कि 50-60 के दशक में एक अभिनेत्री ऐसी थी, जिसने गैर भारतीय होकर हिंदी सिनेमा में कदम रखा और अपने काम से कई बड़े कलाकारों को धूल चटाई। यह अभिनेत्री अपनी अदायगी के साथ ही शादीशुदा जिंदगी और रौबदार अंदाज के लिए भी चर्चित थी। इस अभिनेत्री का नाम फ्लोरेंस एजेकिल था।
हिंदी फिल्मों में कई एंगलो-इंडियंस ने काम किया। फ्लोरेंस भी उन्हीं में से एक थीं। फ्लोरेंस एजोकिल को बॉलीवुड इंडस्ट्री में नादिरा के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि यह नाम उन्हें मिसेज महबूब खान ने दिया था। नादिरा ने अपने पूरे फिल्मी करियर में लगभग 250 फिल्मों में काम किया। उन्होंने बहुत कम उम्र में फिल्मी दुनिया का रुख कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसेज महबूब खान ने उन्हें ‘आन’ फिल्म से ब्रेक दिया था। पहली फिल्म में दिलीप कुमार और प्रेमनाथ जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम कर उन्होंने अपनी अदायगी का जादू सिल्वर स्क्रीन पर बिखेरा था।
‘श्री 420’ ने बना दिया था खलनायक
नादिरा ने कई फिल्मों में काम किया। मगर उन्हें सबसे ज्यादा ख्याति मिली ‘मुड़ मुड़ के ना देख’ गाने से। यह गाना था राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ का। हालांकि, यही फिल्म बाद में उनके लिए सिरदर्द बन गई। दरअसल, फिल्म में वह नेगेटिव किरदार में थी। इस मूवी में उनके सिगरेट पकड़ने का स्टाइल काफी पसंद किया गया था। नादिरा बॉलीवुड की पहली अभिनेत्री थी जिन्होंने खलनायक का किरदार निभाया। हाथ में सिगरेट, तीखे नैन नक्श, डॉग मेकअप और फैशनेबल लिबास में लिपटी नादिरा के किरदार को इतना पसंद किया गया कि बाद में उन्हें हीरोइन के रोल मिलना ही बंद हो गए। ‘श्री 420’ के बाद उनके पास हीरोइन के ऑफर आना बंद हो गए। लगभग एक साल तक उन्हें हीरोइन के रोल के लिए कोई काम नहीं मिला।
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