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उतराखंड की लोक कला को दिल्ली में मिला पहला स्थान

उतराखंड की लोक कला को दिल्ली में

उतराखंड की लोक कला को दिल्ली में

श्रीनगर। एसएसबी वाइव्ज वेलफेयर एसोसिएशन (डब्लूडब्लूए) की ओर से आयोजित संदीक्षा प्रदर्शनी एवं मेले में उत्तराखंड की लोक और स्थापत्य कला की धूम रही। उत्तराखंड की तिबारी (पहाड़ी भवन की लकड़ी नक्काशी), ढोल-दमाऊ और पहाड़ी वस्त्रों ने बाजी मारते हुए दिल्ली में पहला स्थान हासिल किया। प्रदर्शनी में एसएसबी की 33 यूनिटों ने प्रतिभाग किया था, जिसमें एएसबी सीटीसी (सशस्त्र सीमा बल केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र) की टीम को सजावटी स्टॉल में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।

दो-चार फरवरी तक नई दिल्ली के ओल्ड जेएनयू कैंपस में एसएसबीडब्लूए की ओर से संदीक्षा प्रदर्शनी एवं मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देशभर से एसएसबी की टीमों ने भाग लिया। प्रदर्शनी में सीटीसी के स्टॉल में उत्तराखंड की संस्कृति, स्थानीय हस्तकला, लकड़ी नक्काशी और हस्त निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि भारतीय थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत मुख्य अतिथि और रॉ चीफ की पत्नी ज्योति धस्माना विशिष्ट अतिथि थी।

टीम के लौटने के बाद सीटीसी परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। सीटीसी के डीआईजी यूपी बलोदी और संदीक्षा समिति की अध्यक्ष रुचि बलोदी ने टीम की हौसलाअफजाई की। संचालन सब एरिया अफसर पीसी जोशी ने बताया कि तिबारी बनाने से पूर्व गांवों का भ्रमण कर शैली को जाना गया। प्रदर्शनी में दो सेल्फी प्वाइंट बनाए गए थे।

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