बच्चे की परवरिश के लिए माता-पिता दोनों ही काफी अहम होते हैं। सही ढंग से बच्चे की देखभाल करने में माता-पिता दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। लेकिन कई बार किसी वजह से माता-पिता के अलग हो जाने या किसी परिस्थिति में माता या पिता में से किसी एक के चले जाने से बच्चे पर इसका काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। माता या पिता में से किसी भी एक की गैरमौजूदगी बच्चे के विकास को काफी प्रभावित करती है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आप एक सिंगल पेरेंट होने के नाते अपने बच्चे की परवरिश पर खास ध्यान दें। बतौर सिंगल पेरेंट बच्चे की परवरिश में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए आज बात करें इन समस्याओं और इसके समाधान के बारे में-
समय का अभाव
बिना पार्टनर अकेले बच्चे की परवरिश करना काफी मुश्किल हो जाता है, जब आप अपने बच्चे के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में कई बार बच्चों के अंदर अकेलेपन के लक्षण देखने को मिलते हैं। काम में व्यस्तता के चलते अगर आप अपने बच्चे के साथ समय नहीं बिता पा रहे हैं, तो इसका आगे चलकर बच्चे पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
आर्थिक समस्या
बतौर सिंगल पेरेंट आपको कई बार आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। अकेले बच्चे की परवरिश के दौरान यह एक सबसे बड़ी समस्या होती है। यह दौर आपके लिए काफी चुनौतीपूर्ण भी साबित हो सकता है। बच्चे की परवरिश के लिए आर्थिक तौर पर मजबूत होना काफी जरूरी है, क्योंकि अगर आप फाइनेंशियली स्ट्रॉन्ग नहीं होंगे, तो आप बच्चे के लिए चिकित्सा, शिक्षा, देखरेख आदि का ध्यान नहीं रख पाएंगे।
तनाव की समस्या
अक्सर सिंगल पेरेंट होने पर माता या पिता को मानसिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। बिना पार्टनर के अकेले बच्चे की जिम्मेदारी न सिर्फ आपका तनाव बढ़ सकती है, बल्कि इसका बच्चे की परवरिश पर भी बुरा असर पड़ता है। अक्सर थकान, चिंता और तनाव के चलते सिंगल पेरेंट अपना गुस्सा बच्चों पर निकाल देते हैं।
गलत परवरिश का डर
सिंगल पेरेंटिंग के दौरान अक्सर गलत परवरिश का खतरा बना रहता है। कई बार आप माता-पिता दोनों के हिस्से का प्यार देने के लिए बच्चे को जरूरत से ज्यादा लाड़, प्यार और दुलार देते हैं, जिससे अक्सर बच्चे बिगड़ जाते हैं। वहीं, कई सिंगल पेरेंट अकेले बच्चे की परवरिश नहीं कर पाते, जिसकी वजह से वह अपनी जिम्मेदारियों से भागते हुए बच्चे को उनके हाल पर छोड़ देते हैं, जिससे कई बार बच्चों की परवरिश बिगड़ जाती है।
सिंगल पेरेंटिंग के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
- अपने बिजी शेड्यूल में से कुछ समय अपने बच्चे के लिए जरूर निकालें। जितना संभव हो सके बच्चे के साथ समय बिताएं।
- अपने बच्चे को यह अहसास कराएं कि वह आपके लिए खास है और आपके जीवन में काफी अहमियत रखता है।
- बच्चे का ध्यान रखने के साथ ही उन पर गौर करें और उनकी समस्याओं और परेशानियों के बारे में जानने की कोशिश करें।
- अपना और बच्चे का एक रूटीन तय करें। गलत जीवनशैली की वजह से भी कई तरह भी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए रूटीन के मुताबिक काम करें।
- अगर आप सिंगल पेरेंट हैं और किसी हालात में फंसे हैं, तो इसके लिए आप अपने रिश्तेदारों या किसी करीबी की मदद ले सकते हैं।
- एक सिंगल पेरेंट के लिए जरूरी है कि वह बच्चे के साथ दोस्ती करें और दोस्त बनकर उन्हें समझने को कोशिश करें।
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