फर्जी बैंक अधिकारी बनकर खाते से साढ़े आठ लाख ठगने वाले आरोपियों को चमोली पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के तीन बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया है।पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हरेंद्र सिंह रावत निवासी ग्राम कांडई चमोली हाल निवासी बसंत विहार गोपेश्वर ने गोपेश्वर थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि उसने आठ अक्तूबर को एटीएम से 900 रुपये निकाले, एटीएम से पैसे नहीं निकले लेकिन फोन पर पैसे कटने का मेसेज आ गया। उन्होंने गूगल से कस्टमर केयर नंबर सर्च किया। फोन करने पर किसी व्यक्ति ने बात कर खुद को जोनल बैंक मैनेजर नोएडा बताकर उसे एप्लीमैक्स एप डाउनलोड करने को कहा। एप डाउनलोड करते ही उसके खाते से साढ़े आठ लाख रुपये निकाल लिए गए। शिकायत पर एसपी प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई। पुलिस जांच में धोखाधड़ी में प्रयुक्त एक खाता पश्चिम बंगाल के हुगली, दूसरा केरल के कोचि और दो खाते शेखपुरा बिहार के पाए गए। जबकि कस्टमर केयर में सर्च किए नंबर की लोकेशन देवघर झारखड़ पाई गई।
साइबर सेल के माध्यम से आरोपियों के शेखपुरा बिहार में होने की जानकारी मिली। पुलिस टीम बिहार रवाना हुई और पांच दिसंबर को अमित (19) निवासी मालदाह जिला शेखपुरा और शुभम निवासी नागडीह जिला शेखपुरा को गिरफ्तार किया गया। वहीं एक आरोपी बेबी देवी पत्नी राम शर्मा सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस दिया गया। दोनों आरोपियों को स्थानीय अदालत से ट्रांजिट रिमांड पर गोपेश्वर लाया गया है।
पुलिस ने अमित के पास से दो मोबाइल फोन, एक नेट वाई फाई डोंगल, पांच बैंकों के एटीएम, तीन सिम कार्ड जबकि शुभम के पास से एक मोबाइल, दो सिम, एक एटीएम कार्ड बरामद किया। साथ ही पुलिस ने आरोपियों के तीन बैंक खाते फ्रीज करवा दिए हैं, जिसमें करीब एक लाख उन्नहत्तर हजार तीन सौ तीरसठ रुपये हैं। आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम में वरिष्ठ उपनिरीक्षक संजय नेगी कोतवाली जोशीमठ, एसओजी कांस्टेबल चंदन नागरकोटी, आशुतोष तिवारी, राजेंद्र रावत शामिल थे।
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