Uttarakhand Lokkala और पहाड़ की संस्कृति को बचाने के लिए राज्य के कई लोग अपने-अपने तरीके से योगदान दे रहे हैं. इन्हीं में एक नाम है देहरादून के रहने वाले शमशाद का, जो पिछले 28 सालों से उत्तराखंड की लोक कला ऐंपण पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कई चीजों को ऐंपण से सजाकर उत्तराखंड की लोक कला को सहेजने का काम किया है. जबकि शमशाद को कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं.
Uttarakhand Lokkala ऐंपण का उत्तराखंड की संस्कृति में बहुत महत्व है. यहां मांगलिक कार्यों में इसे घर की दहलीज, मंदिर आदि में बनाने की रवायत दशकों से चली आ रही है. पुराने समय से ही दहलीज पर चावल को पीसकर और खूबसूरत रंगों के साथ खूबसूरत डिजाइनों के ऐंपण बनाए जाते थे. आज भी इन्हें सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उत्सवों के दौरान बनाया जाता है. उत्तराखंड की इस पहचान को आगे बढ़ाने की कोशिश करने वाले शमशाद 8 साल की उम्र से ऐंपण कला पर काम कर रहे हैं. प्लेट, कप, केतली, कैरी बैग और छाते जैसे कई आइटम पर शमशाद ऐंपण के डिजाइन बनाते आ रहे हैं. शमशाद ने 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों, देश के गृह मंत्री और रक्षा मंत्री तक ऐंपण से सजी वस्तुएं पहुंचाई हैं.
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