अंकिता हत्याकांड के तीनों आरोपियों के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने से संबंधित मामले की मंगलवार को न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोटद्वार में सुनवाई होगी। शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मंगलवार को ही यह पता लगेगा कि तीनों आरोपियों की ओर से अदालत में नार्को टेस्ट कराने के लिए सहमति दी है अथवा नहीं।
12 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई में तीन आरोपियों में से दो सौरभ और पुलकित ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नार्को टेस्ट के लिए सहमति प्रदान की थी, जबकि तीसरे आरोपी अंकित ने अदालत से दस दिन का समय मांगा था। इसके बाद 22 दिसंबर की सुनवाई के दौरान तीनों ने आरोपियों के वकील अमित ने अदालत के माध्यम से एसआईटी से सवाल किए थे कि वह ये टेस्ट क्यों कराना चाहती है।
अंकिता हत्याकांड के तीनों आरोपियों के खिलाफ एसआईटी ने 86 दिन की विवेचना के बाद 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। इसमें 100 गवाहों के नाम और 30 से ज्यादा दस्तावेजी साक्ष्य शामिल हैं।
पुलिस ने मांग की थी कि पुलकित, सौरभ और अंकित का नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराना जरूरी है। आरोपियों ने वीआईपी गेस्ट की जानकारी छुपाई है। साथ ही पुलकित के मोबाइल की जानकारी भी नहीं दी जा रही है। लिहाजा पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट की अनुमति दी जाए।
बता दें कि 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी।
पता चला कि पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ था। ऋषिकेश से लौटते वक्त अंकिता और पुलकित के बीच नहर किनारे फिर से विवाद हुआ और इस बीच पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था। पुलिस ने इस मामले में 22 सितंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था।
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