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योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दायर याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- ‘ऐसे मुकदमे सिर्फ अखबारों के पहले पन्ने के लिए’

योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दायर याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- 'ऐसे मुकदमे सिर्फ अखबारों के पहले पन्ने के लिए'

योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दायर याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- 'ऐसे मुकदमे सिर्फ अखबारों के पहले पन्ने के लिए'

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा, ‘इस तरह के मुकदमे केवल (अखबारों के) पहले पन्ने के लिए हैं।’ पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में उन पर राजस्थान के अलवर में 2018 में चुनाव प्रचार के दौरान कथित आपत्तिजनक भाषण देने का आरोप लगाया गया था।

पीठ ने कहा- केवल अखबारों के पहले पन्ने के लिए हैं इस तरह के मुकदमे
जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा, ‘इस तरह के मुकदमे केवल (अखबारों के) पहले पन्ने  के लिए हैं।’ पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ता ने इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती

याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ शीर्ष कोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। यह याचिका मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा ने दायर की थी।  याचिकाकर्ता के मुताबिक, आदित्यनाथ ने 23 नवंबर, 2018 को अलवर में एक चुनावी भाषण में उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया।
जिला कोर्ट ने भी खारिज कर दी थी याचिका
शीर्ष कोर्ट जाने से पहले याचिकाकर्ता ने मऊ की जिला कोर्ट के समक्ष उनके खिलाफ शिकायत दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।  इसके बाद उन्होंने ऊपरी अदालत के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसे क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के आधार पर खारिज कर दिया गया था।

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