उत्तराखंड एसटीएफ ने मोबाइल एप के जरिये करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को लखीमपुर उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया था। इसके जरिए 57 करोड़ के लेन-देन होना सामने आया था। उत्तराखंड के भी 247 लोगों को शिकार बनाया गया था। रविवार को केंद्र सरकार ने लंबी जांच के बाद 232 चीनी एप्स को बंद कर दिया।
लोगों को कर्ज और सट्टेबाजी में फंसाने वाले 232 चीनी एप को केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है। इस कार्रवाई का सीधा कनेक्शन देहरादून से जुड़ा है। दो साल पूर्व देहरादून में ही इन चीनी एप के जरिये ठगी के धंधे का खुलासा हुआ था। पता चला था कि देशभर के कई लोगों से 300 करोड़ की ठगी की गई थी। इसके बाद चीनी जालसाजों के आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
जांच में यह सामने आया था कि ठगी करने वाले इस तरह के 15 मोबाइल एप संचालित करते हैं। उत्तराखंड के भी 247 लोगों को तब शिकार बनाया गया था। रविवार को केंद्र सरकार ने लंबी जांच के बाद 232 चीनी एप्स को बंद कर दिया। इन पर ठगी करने के आरोपों की पुष्टि हुई। इस खेल का खुलासा पहली बार देहरादून में हुआ था।
17 लाख रुपये ठगों के खातों में किए जमा
सन् 2021 में डीजीपी ने पुलिस मुख्यालय में खुलासा कर बताया कि लुुनिया मोहल्ला निवासी एक व्यक्ति को लोन के लिए मैसेज आया। मैसेज में एक लिंक मिला, जिस पर क्लिक किया तो उनसे विभिन्न शुल्क के नाम पर रुपये मांगे गए। वे ठगों के कहने पर रुपये जमा करते गए। कुछ ही दिनों में उन्होंने कुल 17 लाख रुपये ठगों के खातों में जमा कर दिए।
ठगी का एहसास होने पर साइबर थाने को सूचना दी गई। तत्कालीन एसआई रोशनी रावत ने मामले की जांच की और 29 दिसंबर 2022 को उनकी शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के दौरान पता चला कि उनसे जिस लोन एप के माध्यम से ठगी की गई है, उसे हेक्टर लेंडकरो प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी संचालित करती है।
एजेंट दिल्ली में भी मौजूद
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