उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के 19 बड़े बकायेदार व्यावसायिक लोन के नाम पर 187 करोड़ रुपये डकार कर बैठे हैं। ऐसे डिफॉल्टरों को बैंक की ओर से कई बार वसूली के नोटिस जारी किए गए, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। अब बैंक ऐसे डिफॉल्टरों के खिलाफ सरफेसी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।
उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक से ऋण लेकर पैसा डकारने वाली फर्मों के खिलाफ सिक्योरिटी टाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंसियल एसेट्स एंड इन्फोर्समेंट (सरफेसी) एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत देहरादून की तीन फर्मों के खिलाफ एफआरआई दर्ज कराने की संस्तुति बैंक की ओर से की गई है।
बैंक की कॉरपोरेट शाखा देहरादून के महाप्रबंधक दीपक कुमार की ओर से बताया गया, सुगंधा जैन पावर वर्क के निदेशक संदीप गुप्ता, जायसवाल एसोसिएटेड के निदेशक श्याम सुंदर जायसवाल और सपना जायसवाल, दक्ष इंटरप्राइजेज के निदेशक नरेंद्र सिंह की ओर से जिस संपत्ति को बंधक रखकर व्यावसायिक ऋण लिया गया।
उसे बिना ऋण चुकाए बेच दिया गया है। जो सीधे-सीधे धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला है। बताया, यह भी पता चला कि जायसवाल एसोसिएटेड ने एक ही संपत्ति पर अन्य बैंकों से भी ऋण लिया है। बताया, ऐसी कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया गया है। शीघ्र ही पैनल अधिवक्ता की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
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