नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करता हूं। मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे पहले भी कई बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करने का अवसर मिला है, लेकिन इस बार मैं धन्यवाद के साथ-साथ राष्ट्रपति जी का अभिनंदन भी करना चाहता हूं।
मोदी ने कहा कि अपने विजनरी भाषण में राष्ट्रपति ने हम सबको और करोड़ों देशवासियों का मार्गदर्शन किया है। गणतंत्र के मुखिया के रूप में उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक और देश की बहन-बेटियों के लिए प्रेरणादायक है। कई सांसदों ने चर्चा में हिस्सा लिया। अपने-अपने आंकड़े और तर्क दिए। सांसदों ने अपनी रुचि के अनुसार अपनी बातें रखीं। जब इन बातों को गौर से सुनते हैं, समझने का प्रयास करते हैं। तो ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता, समक्ष और इरादा है। देश भी इसका मूल्यांकन करता है।
पीएम मोदी का तंज
कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक उछल रहे थे। खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात! शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है, अच्छे ढंग से कहा गया है…
ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं,
वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं…
कुछ लोग दुखी हैं: पीएम मोदी
हमारे पड़ोस में जिस प्रकार से हालात बने हुए हैं। कौन इस पर गर्व नहीं करेगा कि ऐसे समय में भी देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी है। देश के लिए गर्व की बात है, लेकिन मुझे लगता है शायद इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है।
कांग्रेस की बर्बादी पर होगी स्टडी
पीएम मोदी ने कहा कि यहां कुछ लोगों को हार्वर्ड का क्रेज है। कोरोना काल में ऐसा ही कहा गया था कि भारत की बर्बादी पर हार्वर्ड में स्टडी होगी। कल फिर सदन में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी की बात हुई, लेकिन बीते सालों में हार्वर्ड एक बढ़िया स्टडी हुई। उसका टॉपिक था… द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडिया कांग्रेस पार्टी… मुझे विश्वास है कि भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर हार्वर्ड ही नहीं बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटियों में भी स्टडी होनी है और कांग्रेस को डुबाने वाले लोगों पर भी स्टडी होगी।
ईडी की वजह से एक मंच पर विपक्ष
मोदी ने कहा कि ईडी की वजह से सभी विपक्षी पार्टियों एक मंच पर आ गई हैं। जो देश का मतदाता नहीं कर सका वो कर दिखाया है। इन्हें ईडी को धन्यवाद कहना चाहिए।
निराशा में डूबे कुछ लोग
कुछ लोग ऐसी निराशा में डूबे हैं। काका हाथरसी ने कहा था, “आगा पीछा देखकर क्यों होते गमगीन, जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे सीन।” निराशा का कारण है… जनता का बार-बार हुकुम, लेकिन साथ-साथ इस निराशा के बीचे जो मन में पड़ी चीज है। वो चैन से सोने नहीं देती है। 2004 से 2014 भारत की अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई। 10 साल में महंगाई डबल थी। इसलिए कुछ अच्छा होता है तो निराशा होती है। जिन्होंने बेरोजगारी दूर करने के वादे किए थे।
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