महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 75 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली लवलीना बोरगोहाई का कहना है कि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद उनके लिए कुछ टूर्नामेंट अच्छे नहीं रहे थे, लेकिन उन्होंने इस दौरान खुद को नकारात्मकता से दूर रखा, जिससे उन्हें चैंपियन बनने में मदद मिली। लवलीना बोरगोहाई से खास बातचीत की। आइए जानते हैं लवलीना ने विश्व चैंपियन बनने की क्या खास रणनीति बनाई।
सवाल: फाइनल मुकाबले के लिए आपने क्या रणनीति बनाई थी और यह मैच आपके लिए कितना कठिन रहा?-
जवाब: फाइनल में थोड़ी दबाव में थी क्योंकि हम चार महिलाएं फाइनल में पहुंचे थे जिसमें से तीन ने स्वर्ण जीत लिया था। इस कारण थोड़ा दबाव था और मेरी प्रतिद्वंद्वी भी मजबूत खिलाड़ी थी। वैसे तो मैंने हर बाउट को फाइनल की तरह लिया था, लेकिन फाइनल थोड़ा अलग था। सभी लोग मेरा समर्थन कर रहे थे जिससे मैं प्रेरित हो रही थी। मैंने अपना 100 प्रतिशत दिया और जैसी रणनीति बनाई थी वैसा ही प्रदर्शन किया।
सवाल: आपके अलावा तीन और महिलाओं ने स्वर्ण जीता। निकहत ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। इसे किस तरह देखती हैं?-
जवाब: भारत ने चार स्वर्ण पदक जीते जिससे हम नंबर एक भी बन सकते हैं। यह प्रदर्शन दर्शाता है कि देश में मुक्केबाजी में कितना सुधार हुआ है। इससे आने वाले ओ¨लपिक में मैं स्वर्ण जीतने की आशा कर सकती हूं। इस बार एक नहीं सभी भार वर्गों में पदक लाने की हमारी कोशिश रहेगी। सरकार, भारतीय मुक्केबाजी महासंघ, टाप्स का इतना समर्थन मिल रहा है, जिससे हम इस तरह का प्रदर्शन कर पा रहे हैं|
सवाल: आप और निकहत एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं जो पेरिस ओलंपिक का क्वालीफायर भी है। इसके लिए आपकी क्या तैयारियां होंगी?
जवाब: मैं और निकहत एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं और हमारा ध्यान अब उसी पर रहेगा। ओ¨लपिक क्वालीफिकेशन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगा और हमारी कोशिश पहले क्वालीफिकेशन में ही ओ¨लपिक के लिए क्वालीफाई करने की होगी।
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