राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही शहर की मुख्य सड़कों पर खड़े भारी वाहन दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। पूर्व में हुए हादसों के बाद भी पुलिस भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। लगातार बिगड़ रही स्थिति के कारण आमजन का सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। सबसे बुरी स्थिति रात के समय बनी रहती है।
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में शायद ही कोई ऐसी सड़क हो जहां आपको भारी वाहनों की लंबी कतारें न दिखाई दें। दिन-रात सड़क पर पार्क हुए इन वाहनों से हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। सबसे बुरी स्थिति कौड़िया से सिद्धबली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी रहती है, जबकि उक्त मार्ग पर ही शहरवासी सबसे अधिक आवाजाही करते हैं।
नजीबाबाद रोड निवासी शांति देवी, अर्चना रावत ने बताया कि कुछ माह पूर्व नजीबाबाद रोड में सड़क किनारे खड़े एक ट्रक की चपेट में आने से स्कूटी सवार घायल हो गया था। गंभीर रुप से घायल स्कूटी सवार को चिकित्सकों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया था। पूर्व में देवी रोड में भी खड़े भारी वाहनों की चपेट में आने से दोपहिया वाहन चालक घायल हो चुके हैं।
कुछ माह पूर्व कोटद्वार पहुंची वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे के समक्ष में शहरवासियों ने समस्या को उठाया था। बावजूद इसके भी पुलिस समस्या को नजर अंदाज कर रही है
नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत सबसे अधिक समस्या कौड़िया से नजीबाबाद चौक, देवी रोड, सिताबपुर-मानपुर रोड, बीईएल मोटाढाक रोड में बनी हुई है। इन स्थानों पर चालक अपने वाहनों को सड़क पर खड़ा कर गायब हो जाते हैं। सबसे अधिक परेशानी रात के अंधेरे में होती है। दरअसल, रात के समय सड़क पर खड़े भारी वाहन दिखाई नहीं देते। जिससे दोपहिया वाहन चालक कई बार इनसे टकरा जाते हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक शेखर चंद्र सुयाल ने बताया कि सड़क पर खड़े भारी वाहनों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। इसके लिए बाकायदा अभियान भी चलाया जाता है। जल्द ही एक टीम गठित कर नियमों को सख्ती से लागू करवाया जाएगा।
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