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यूपी की पूर्व CM मायावती ने लखनऊ के बसपा ऑफिस से अंबेडकर और कांशीराम की मूर्ति हटवाई, सामने आई वजह

बसपा प्रमुख मायावती को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। उन्होंने लखनऊ के पार्टी ऑफिस से बाबा साहब अंबेडकर, कांशीराम और अपनी मूर्ति को हटवा दिया है।

बसपा प्रमुख मायावती ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लखनऊ के पार्टी ऑफिस से बाबा साहब अंबेडकर, कांशीराम और अपनी मूर्ति को हटवा दिया है। मायावती के नजदीकियों का कहना है कि मायावती ने बीएसपी दफ्तर में लगी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, कांशीराम और अपनी मूर्तियों को हटवाकर अब अपने माल एवेन्यू  के घर में लगवा लिया है।

मायावती ने कहा

मायावती ने अपने नजदीकियों से कहा है कि पार्टी दफ्तर उनका कभी कभी जाना होता है। जबकि घर में वो मीटिंग करती है, रोजाना 100-200 लोगों से मिलती हैं। ऐसे में इन मूर्तियों की ज्यादा जरूरत घर पर है। जहां ज्यादा लोग मूर्तियों के दर्शन कर सकेंगे।

शानदार बंगले में रहती हैं मायावती

2007 में यूपी में बहुमत की सरकार बनने के बाद 2008 में माल एवेन्यू के 12 नंबर के बंगले में  मायावती ने बीएसपी का आलीशान दफ्तर बनाया था और यहां बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर, काशीराम के साथ मायावती की मूर्तियां लगाई गई थीं।

बीएसपी दफ्तर के गेट में घुसते ही ये मूर्तियां लगी थीं। मायावती पहले बीएसपी दफ्तर के सामने 13 माल एवेन्यू के बंगले में रहती थीं, जहां उनकी कांशीराम के साथ मूर्ति लगी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मायावती को 2018 में ये बंगला खाली करना पड़ा था।

इस बंगले में अब कांशीराम विश्राम  स्थल है। मायावती अब नौ माल एवेन्यू के आलीशान बंगले में रहती हैं। इस घर में गौतम बुद्ध की प्रतिमा है, पत्थर के हाथी लगे हैं। यहां म्यूरल्स लगे हैं लेकिन यहां मायावती, कांशीराम और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की कोई मूर्ति नहीं है।

अब पार्टी ऑफिस से ये मूर्तियां शिफ्ट कराकर मायावती ने ये कमी दूर कर दी है। मायावती के मूर्ति प्रेम के बारे में सब जानते हैं। नोएडा और लखनऊ में अंबेडकर पार्क, कांशीराम स्मारक, स्मृति उपवन और दूसरे स्मारकों में मायावती की डॉ अंबेडकर और कांशीराम के साथ मूर्तियां लगी हैं। कहीं-कहीं मायावती की संगमरमर की चार मुख की मूर्तियां भी हैं।

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