M3M ग्रुप: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) के मामले में रियल स्टेट ग्रुप M3M के डायरेक्टर बसंत बंसल को गिरफ्तार कर लिया है. ED बसंत बंसल के भाई रियल स्टेट कारोबारी रूप कुमार बंसल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों भाइयों पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. एजेंसी को M3M ग्रुप और IREO ग्रुप द्वारा 400 करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है. ईडी ने हाल ही में IREO ग्रुप और M3M ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान एजेंसी ने लग्जरी कारों से लेकर आभूषण और नकदी तक बरामद किए थे.
सात ठिकानों पर छापेमारी
बसंत बंसल की गिरफ्तारी दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 5 जुलाई तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिए जाने के बाद हुई है. अदालत ने कहा है कि गिरफ्तारी के मामले में उन्हें कुछ शर्तों के अधीन जमानत दी जाएगी. ईडी ने रियल एस्टेट डेवलपर्स से संबंधित दिल्ली और गुरुग्राम में सात जगहों पर छापेमारी के बाद रूप कुमार बंसल को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था.
बीते दिनों ED ने गुरुग्राम में रियल एस्टेट कंपनी M3M के ठिकानों पर छापेमारी करके 60 करोड़ की लग्जरी कारें और 6 करोड़ की ज्वेलरी जब्त की थी. IREO ग्रुप के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिसके आधार पर ईडी ने जांच की शुरुआत की. ईडी निवेशकों और ग्राहकों के फंड को डायवर्ट और हेराफेरी करने को लेकर दायर कई FIR के आधार पर IREO ग्रुप की जांच कर रही है.
क्या है पूरा मामला?
ईडी ने कहा कि M3M ग्रुप ने कई लेयर वाली कई शेल कंपनियों के जरिए IREO ग्रुप से 400 करोड़ रुपये प्राप्त किए. इसके बाद रकम को डेवलपमेंट राइट के जरिए भुगतान के रूप में दिखाया गया. जमीन M3M ग्रुप की थी और उसकी मार्केट वैल्यू चार करोड़ रुपये थी. कंपनी ने 10 करोड़ रुपये के पेमेंट के लिए जमीन को पांच शेल कंपनियों को बेच दिया.
इसके बाद शेल कंपनियों ने उसी जमीन के डेवलपमेंट राइट्स IREO ग्रुप को करीब 400 करोड़ रुपये में बेच दिए, जिसे तुरंत ट्रांसफर कर दिया गया. रकम मिलने के बाद शेल कंपनियों ने रकम M3M ग्रुप को ट्रांसफर कर दी. एजेंसी ने कहा कि मामले की आगे जांच से पता चला है कि शेल कंपनियां एम3एम समूह द्वारा ऑपरेट की जाती थीं.
हेरफेर में शामिल बंसल परिवार
एजेंसी ने कहा कि सभी शेल कंपनियों का स्वामित्व M3M ग्रुप और संचालन M3M ग्रुप और इसके प्रमोटरों बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल और उनके परिवार के सदस्यों के निर्देश पर किया गया था. एजेंसी ने कहा कि कंपनियों ने निवेशकों और ग्राहकों से संबंधित 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. जबकि अपराध की आय M3M ग्रुप के पास रही और इसका इस्तेमाल अन्य निवेशों और देनदारियों का भुगतान करने के लिए किया गया. ईडी ने कहा कि IREO ने कभी जमीन डेवलप ही नहीं की और हर साल निवेश को राइट ऑफ करना शुरू कर दिया.
नामी बिल्डर है M3M ग्रुप
400 करोड़ रुपये के हेरफेर के मामले में अब दोनों भाइयों की गिरफ्तारी हो चुकी है. रूप कुमार बंसल M3M ग्रुप के प्रमोटर हैं और ये ग्रुप दिल्ली एनसीआर का नामी बिल्डरों में से एक है. इसके अलावा हरियाणा, चंडीगढ़ व पंजाब में इस समूह के कई सारे आवासीय व अन्य प्रोजेक्ट हैं.
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