सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया गया कि अब से पॉवर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग सेल डीड के रूप में नहीं किया जा सकेगा. अभी तक अनमूवेबल प्रॉपर्टी की पॉवर ऑफ अटॉर्नी किसी को भी देकर उसका रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए 50 रूपए का स्टांप शुल्क लगता था, लेकिन अब यह नहीं चलेगा.
उत्तर प्रदेश में अब अचल संपत्ति की पॉवर ऑफ अटॉर्नी को ब्लड रिलेशन के बाहर देने पर नियम बन गया है. पहले पॉवर ऑफ अटॉर्नी देने में महज 50 रुपये खर्च होते थे, लेकिन अब उसे रजिस्ट्री की तरह स्टांप ड्यूटी देना होगा. यानी जैसे प्रॉपर्टी होगी, वैसी ही रजिस्ट्री फीस लगेगी. ब्लड रिलेशन नहीं है तो पॉवर ऑफ अटॉर्नी देने पर पूरी स्टांप ड्यूटी देनी होगी.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में कई प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसमें ब्लड रिलेशन से बाहर अगर अचल संपत्ति को लेकर पॉवर ऑफ अटॉर्नी देना है तो उस पर अब स्टांप ड्यूटी लगेगा. सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया गया कि अब से पॉवर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग सेल डीड के रूप में नहीं किया जा सकेगा.
कैबिनेट बैठक में स्टांप अधिनियम प्रावधान में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है, जिसके चलते अब रक्त संबंधियों (ब्लड रिलेशन) के अतिरिक्त अगर कोई व्यक्ति अन्य व्यक्ति को अचल संपत्ति की पॉवर ऑफ अटॉर्नी देता है तो उसे पूरा स्टांप शुल्क देना होगा.
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