दुनिया के कई देशों में बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ जांच, एकाधिकार रोकने की कवायद हुई तेज

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दुनिया के कई देशों में बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ जांच, एकाधिकार रोकने की कवायद हुई तेज
दुनिया के कई देशों में बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ जांच, एकाधिकार रोकने की कवायद हुई तेज


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बड़ी टेक कंपनियों की एकाधिकारवादी नीतियों के खिलाफ दुनिया के अलग-अलग देशों में जांच चल रही है। भारत भी नए डिजिटल इंडिया कानून को लाने की तैयारी कर रहा है।

भारत अपने डिजिटल कानूनों में जहां सुधार कर रहा है, वहीं बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म दुनियाभर में चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहे हैं। अल्फाबेट, अमेजन, एपल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट यूरोप और उत्तर अमेरिका में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और जांच का सामना कर रहे हैं। डिजिटल परिवेश में एकाधिकार को बढ़ावा देने वाले तरीकों के खिलाफ नियामक संस्थाओं की तरफ से ये प्रयास किए जा रहे हैं।

दुनिया के दूसरे देशों में बड़ी टेक कंपनियों को निष्पक्ष तौर-तरीके अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी के साथ भारत सरकार देश के व्यापक इंटरनेट बाजार को लोकतांत्रिक बनाने के तरीकों के लिए पहल कर रही है। भारत के ऑनलाइन स्पेस पर अभी गूगल, फेसबुक, वॉट्सएप, अमेजन, एपल और माइक्रोसॉफ्ट का दबदबा है। देश अब अपने बहुप्रतीक्षित डिजिटल इंडिया कानून को लाने की तैयारी कर रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के नेतृत्व में हो रही कोशिशों का मकसद यह है कि टेक कंपनियों को भारत के डिजिटल बाजार क्षेत्र में एकाधिकार जमाने की प्रवृत्ति छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाए।

पश्चिमी देशों में जब एकाधिकार विरोधी कदम उठाए जा रहे थे, तभी पिछले वर्ष भारत में भी एक ऐतिहासिक घटनाक्रम हुआ। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अक्तूबर में गूगल पर एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का एकाधिकारपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करने के मामले में 1,338 करोड़ का जुर्माना लगाया। माना जा रहा है कि इसी के बाद दूसरे देशों में एकाधिकार विरोधी प्रयासों में तेजी आई।

अल्फाबेट के खिलाफ जांच
अल्फाबेट अभी कम से कम पांच मोर्चों पर जूझ रही है। उस पर पांच बड़े मुकदमे चल रहे हैं, जो आने वाले महीनों में सुर्खियों में रह सकते हैं। अल्फाबेट के तहत काम करने वाले गूगल, यूट्यूब और एंड्रॉइड ओएस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं। जर्मनी के फेडरल कार्टल ऑफिस में अल्फाबेट के खिलाफ दो मामले लंबित हैं। इनमें से एक मामला गूगल मैप से जुड़ा है।

अमेरिका में अल्फाबेट के खिलाफ दो जांच चल रही हैं। एक मामला टेक्सास स्टेट अटॉर्नी में चल रहा है, जहां कंपनी पर बिना मंजूरी के बायोमेट्रिक डेटा लेने का आरोप है। दूसरा मामला अमेरिका के न्याय विभाग में है, जहां यह जांच की जा रही है कि कहीं कंपनी ने प्रतिस्पर्धियों को डिजिटल विज्ञापनों के मामले में दरकिनार करने के लिए अपने एकाधिकार का दुरुपयोग तो नहीं किया। मेक्सिको में भी प्रतिस्पर्धा विरोधी आरोपों के तहत जांच चल रही है।

अमेजन पर दो मुकदमे
अमेजन पर अमेरिका और ब्रिटेन में मुकदमे चल रहे हैं। ब्रिटेन में प्रतिस्पर्धा और बाजार प्राधिकरण ने मुकदमा दायर किया है, जिसमें दोषी पाए जाने पर एक अरब पाउंड का जुर्माना लग सकता है। अमेजन पर ब्रिटेन के ऑनलाइन बाजार पर दबदबा जमाने के लिए गोपनीय एल्गोरिदम का इस्तेमाल करने का आरोप है। अमेरिका में भी अमेजन के खिलाफ थर्ड-पार्टी डेटा के मामले में प्रतिभूति और विनियामक आयोग में जांच चल रही है।

एपल के खिलाफ तीन मामले
एपल पर ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और ब्राजील में मामले चल रहे हैं। ब्राजील के नियामक निकाय में चल रही जांच के तहत एपल पर मोबाइल एप स्टोर पर अपना दबदबा स्थापित करने का आरोप है। ब्रिटेन में भी एपल पर अपने मोबाइल ब्राउजर सफारी के जरिए वर्चस्व स्थापित करने का आरोप है। यूरोपीय आयोग दो अलग मामलों में एपल के खिलाफ जांच कर रहा है। एक मामला फोन आधारित भुगतान तकनीक में प्रतिस्पर्धियों को रोके जाने के आरोपों से जुड़ा है। दूसरा मामला स्वीडन के ऑडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म स्पॉटिफाई की शिकायत से जुड़ा है, जिसमें उसने एकाधिकार के आरोप लगाए हैं।

फेसबुक के खिलाफ एक मामले में अमेरिका का संघीय कारोबार आयोग सुनवाई कर रहा है। इसमें मेटा पर आरोप है कि उसने प्रतिस्पर्धा विरोधी बर्ताव करते हुए वर्चुअल रिएलिटी स्टार्टअप ‘विदइन’ को खरीदा। माइक्रोसॉफ्ट पर यूरोपीय संघ में जो मामला चल रहा है, वह मैसेजिंग एप स्लैक से जुड़ा है।

सामंजस्यपूर्ण प्रयासों पर जोर 
अमेरिका में संघीय कारोबार आयोग की प्रमुख लीना खान और यूरोपीय संघ में प्रतिस्पर्धा आयुक्त मार्गरेट वेस्टागर बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ मामलों की सुनवाई कर रही हैं। भारत में प्रतिस्पर्धा आयोग की प्रमुख रवनीत कौर हैं। उन्होंने हाल ही में एक मीडिया समूह से बातचीत में इंटरनेट को लोकतांत्रिक बनाने की वैश्विक लड़ाई में सामंजस्यपूर्ण प्रयासों पर जोर दिया था।

देश के अग्रणी समाचार प्रकाशकों की डिजिटल इकाइयों के संगठन डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के प्रवक्ता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालमेल बैठाने की रवनीत कौर की अपील का स्वागत किया है। प्रवक्ता ने कहा कि जब भारत इंटरनेट उपयोगकर्ताओं और डिजिटल परिदृश्य के सभी साझेदारों के अधिकारों की रक्षा के लिए सही दिशा में कदम उठा रहा है, तब अन्य देशों के नियामकों के साथ सहयोग मिलने से प्रयास और प्रभावशाली साबित हो सकते हैं।