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फर्जी आय प्रमाणपत्र बनाने के आरोप में दो गिरफ्तार

जसपुर। फर्जी आय प्रमाणपत्र बनाकर नंदा गौरा योजना का लाभ लेने के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से लैपटॉप और प्रिंटर भी बरामद किया है। सीओ वंदना वर्मा और कोतवाल पीएस दानू ने बताया कि 31 मई को जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप ने जिले के विभिन्न थानों में तहरीर सौंपी थी। दिलशाद निवासी नगर पंचायत महुआडाबरा के खिलाफ फर्जी आय प्रमाणपत्र के आधार पर धनराशि लेने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। उस पर केस दर्ज किया गया था। दिलशाद की ओर से दाखिल किए गए आय प्रमाणपत्र की जांच करने पर पता चला की वास्तविक आय प्रमाणपत्र में 84 हजार रुपये वार्षिक आय अंकित है। आरोपी ने अबुल हसन के लैपटॉप और प्रिंटर के माध्यम से वास्तविक आय प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ कर इसे 72 हजार रुपये अंकित कर दिया था।

जसपुर। फर्जी आय प्रमाणपत्र बनाकर नंदा गौरा योजना का लाभ लेने के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से लैपटॉप और प्रिंटर भी बरामद किया है। सीओ वंदना वर्मा और कोतवाल पीएस दानू ने बताया कि 31 मई को जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप ने जिले के विभिन्न थानों में तहरीर सौंपी थी। दिलशाद निवासी नगर पंचायत महुआडाबरा के खिलाफ फर्जी आय प्रमाणपत्र के आधार पर धनराशि लेने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। उस पर केस दर्ज किया गया था। दिलशाद की ओर से दाखिल किए गए आय प्रमाणपत्र की जांच करने पर पता चला की वास्तविक आय प्रमाणपत्र में 84 हजार रुपये वार्षिक आय अंकित है। आरोपी ने अबुल हसन के लैपटॉप और प्रिंटर के माध्यम से वास्तविक आय प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ कर इसे 72 हजार रुपये अंकित कर दिया था।

जसपुर। फर्जी आय प्रमाणपत्र बनाकर नंदा गौरा योजना का लाभ लेने के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से लैपटॉप और प्रिंटर भी बरामद किया है। सीओ वंदना वर्मा और कोतवाल पीएस दानू ने बताया कि 31 मई को जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप ने जिले के विभिन्न थानों में तहरीर सौंपी थी। दिलशाद निवासी नगर पंचायत महुआडाबरा के खिलाफ फर्जी आय प्रमाणपत्र के आधार पर धनराशि लेने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। उस पर केस दर्ज किया गया था।
दिलशाद की ओर से दाखिल किए गए आय प्रमाणपत्र की जांच करने पर पता चला की वास्तविक आय प्रमाणपत्र में 84 हजार रुपये वार्षिक आय अंकित है। आरोपी ने अबुल हसन के लैपटॉप और प्रिंटर के माध्यम से वास्तविक आय प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ कर इसे 72 हजार रुपये अंकित कर दिया था।

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