Site icon Memoirs Publishing

सीवरेज प्लांट की संचालक कम्पनियां कठघरे में

अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी की जांच रिपोर्ट पर टिकी निगाहें

प्रमोद की मौत न छिपाई होती तो बच जाती कई अभागी जिंदगी

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को कोयंबतुर व पटियाला की कम्पनी करती है संचालित,पूर्व में भी दो मजदूर झुलस गए थे

प्रमोद की मौत के बाद धरना प्रदर्शन को एकत्रित हुए थे लोग

चमोली। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में नाइट शिफ्ट में काम करता था हरमनी का प्रमोद,। प्रमोद की करंट लगने से रात में मौत हो गई थी मौत । जब मृतक का पंचनामा भरा जा रहा था तो आसपास के ग्रामीण एकत्र हुए और मुआवजे की मांग करने लगे।

धरना प्रदर्शन के दौरान सुबह रेलिंग में डाली गई केवल में फिर दौड़ा करंट और लोग चिपकते चले गए . बताया जा रहा है कि बिजली के मीटर के बाद कंज्यूमर की केवल को टीन शेड में लोहे की रेलिंग का सपोर्ट दिया गया था ।

चमोली में अकलनंदा के किनारे हुए दर्दनाक हादसे के पीछे क्या क्या कारण हो सकते हैं ये तो जांच के बाद ही सामने आएंगे , किंतु यदि जल संस्थान ने रात के आपरेटर प्रमोद की मौत को छिपाने की कोशिश न की होती तो 14 लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती।

जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात को प्लांट का मेन स्विच बंद करने के दौरान आपरेटर प्रमोद को करंट लगा जिससे उसकी मौत हो गई। प्रमोद को करंट लगने के साथ ही फ्यूज भी उड़ गया। बताया जाता है कि प्लांट को दो कंपनी संचालित करती हैं। एक कोयंबतुर व दूसरी पटियाला की है।

कंपनियों ने प्रमोद की मौत की खबर चमोली पुलिस को दी जिसके बाद पीपलकोटी के थाना इंचार्ज प्लांट में पहूंचे और मृतक प्रमोद के शव का पंचनामा भरने लगे। जब इसकी खबर प्रमोद के रिश्तेदारों व गांव वालों को लगी तो 30 लोग प्लॉट में आ गए और मुआवजा देने से पहले शव को न उठाने की जिद्द करने लगे । सभी लोग प्लांट की रेलिंग पर ही खड़े थे।

बताया जाता है आज सुबह 9 बजे ऊर्जा निगम का लाइन मैन दूसरे उपभोक्ताओं की शिकायत की जांच करता हुआ प्लांट में आया और प्लांट में भी बिजली न होने का कारण पूछा तो कंपनी के लोगों ने उससे करंट की बात छिपाई। बताता जाता है कि फ्यूज के जुड़ते ही फिर से प्लांट की रेलिंग में करंट दौड़ गया और लोग चिपकते गए।

जानकारों को कहना है कि 11 kva के ट्रांसफार्मर से कंपनी ने बिजली का कनेक्शन लेते समय शायद सही तरीके से अर्थिग नही की है या केबल में लीकेज है। बताया जाता है कि इसी प्लांट में पूर्व में दो मजदूरों के करंट से बुरी तरह हाथ झुलस गए थे। आशंका है कि उन दोनों के हाथ हमेशा के लिए खराब हुए हों।

Share this content:

Exit mobile version