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Uttarakhand: डेंगू संभावित क्षेत्र के पांच जिलों में विशेष अभियान चलेगा, 13 विभाग मिलकर देखेंगे

डेंगू संभावित क्षेत्र

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को डेंगू नियंत्रण और रोकथाम में अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।

डेंगू संभावित क्षेत्र के पांच जिलों में बचाव और जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट रूप से कहा कि डेंगू रोकथाम में किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही नहीं की जाएगी। वहीं, तीस रेखीय विभाग डेंगू की निगरानी करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को डेंगू नियंत्रण और रोकथाम में अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। जिला डेंगू नियंत्रण में सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कहा गया। अधिकारियों को बताया गया कि डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम अभियान में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मंत्री ने डेंगू संभावित क्षेत्र देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी एवं नैनीताल में जनजागरण और बचाव के विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। प्रदेश भर में डेंगू नियंत्रण के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए, जिसमें शहरी विकास, ग्राम्य विकास, परिवहन, सिंचाई, जलापूर्ति, कृषि, पर्यटन, आपदा प्रबंधन, मौसम, महिला सशक्तीकरण और बाल विकास, शिक्षा और सूचना विभाग शामिल हैं।

बताया गया है कि जल्द ही रेखीय विभागों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में डेंगू की जांच निशुल्क की जा सकती है। प्रदेशभर की चिकित्सा इकाइयों में 1466 डेंगू आइसोलेशन बेड हैं, जो जरूरत पड़ने पर बढ़ाए जा सकते हैं। इसके अलावा, डेंगू के गंभीर रोगियों के लिए ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

ये डेंगू के लक्षण हैं

डॉ. पंकज सिंह, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभारी अधिकारी, ने कहा कि बरसात में डेंगू तेजी से फैलता है। स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित मच्छर काटने पर तीन से चौदह दिनों तक डेंगू बुखार हो सकता है। डेंगू बुखार (साधारण), डेंगू हेमरेजिक और डेंगू शॉक सिंड्रोम तीन प्रकार के हैं। डेंगू बुखार से पीड़ित व्यक्ति को ठंड लगती है और उन्हें तेज बुखार आता है। सिरदर्द, बदन दर्द और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द रोगी की भूख कम होती है और उसके शरीर पर लाल चकत्ते निकलते हैं। डेंगू हेमरेजिक बुखार में इन लक्षणों के साथ नाक, कान, मसूड़े, शौच या उल्टी में खून आता है और त्वचा पर गहरे नीले, काले चकत्ते उभर आते हैं। रोगियों में इन सभी लक्षणों के अलावा, डेंगू शॉक सिंड्रोम में रक्तचाप कम होने लगता है। रोगी बहुत बेचैन होता है। बताया गया है कि डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर अस्पताल में तुरंत जाकर जांच कराएं। बताया गया है कि डेंगू बुखार की रोकथाम सबसे अच्छा उपचार है।

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