उत्तराखंड में अब पहाड़ी इलाकों के साथ साथ मैदानी इलाकों में भी रहना सुरक्षित नहीं लग रहा है। जोशीमठ, उत्तरकाशी, कर्णप्रयाग के बाद देहरादून जिले के कालसी ब्लॉक के खमरोला गांव और उसके आसपास के इलाकों में दो दर्जन से ज्यादा घरों में दरारें पड़ने और जमीन धंसने के मामले सामने आए हैं।
पहाड़ों में भूस्खलन और घरों में दरार पड़ना आम बात कही जा सकती है लेकिन शहरों पर भी भूस्खलन का खतरा चिंता का सबब है। इस तरह की घटनाओं को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि खमरोला गांव के कई घरों में पिछले दिनों दरारें आ गई थीं। इस मानसून ये दरारें और भी चौड़ी हो गई हैं। इसके अलावा वहां पर जमीन के धंसने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। इसके अलावा सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं।
बताया जा रहा है कि इस गांव में लगभग 50 परिवार रहते हैं, इस मामले में पीएमजीएसवाई के कार्यकारी अभियंता सुनील कुमार का कहना है कि सड़क को काटने का काम पीडब्ल्यूडी द्वारा किया गया था, ऐसे में जमीन के धंसने की समस्या गंभीर है और इसकी गहन भूवैज्ञानिक जांच होने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से भूवैज्ञानिक सर्वे करवाने और धंसाव के कारणों का पता लगाने के लिए बजट का अनुरोध कर रहे हैं।
Share this content: