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केंद्र ने 9 वर्षों में 14.56 लाख करोड़ के कर्ज बट्टे खाते में डाले, कुल ऋण में करीब 50 प्रतिशत रकम उद्योगों की

एफआइयू निदेशक वित्त मंत्रालय ने सोमवार को संसद में बताया कि जीएसटी चोरी के किसी मामले का पता चलता है तो वित्तीय खुफिया इकाई (एफआइयू) के निदेशक जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को सूचित करेंगे। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) का उद्देश्य ना केवल मनी लांड्रिंग रोकना है बल्कि मनी लांड्रिंग से प्राप्त या इसमें शामिल संपत्ति को जब्त करना है।

नई दिल्ली, पीटीआई: सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि पिछले नौ वित्त वर्ष (2014-15) के दौरान 14.56 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्जों (एनपीए) को बट्टे खातों में डाला गया है। बट्टे खाते में डाले गए कुल कर्ज में से बड़े उद्योगों का ऋण 7,40,968 करोड़ रुपये था। वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने अप्रैल, 2014 से मार्च, 2023 तक कारपोरेट कर्ज सहित बट्टे खाते में डाले गए कर्जों में से कुल 2,04,668 करोड़ रुपये की वसूली की है।

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 में बट्टे खाते में डाले गए कर्ज के मुकाबले ऋण वसूली 1.18 लाख करोड़ रुपये रही। हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह वसूली घटकर 0.91 लाख करोड़ और वित्त वर्ष 2022-23 में मात्र 0.84 लाख करोड़ रुपये रह गई। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा बट्टे खाते में डाला गया कुल कर्ज 73,803 करोड़ रुपये था।

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