AI vs Human : क्या इंसानों से ज्यादा अकलमंद है AI? जानें दोनों की समझदारी में अंतर

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AI VS Human एआई और इंसानों में कौन ज्यादा बेहतर है इस मुद्दे को लेकर हर जानकार का अलग मत है। एआई के गॉड फादर माने जाने वाले जेफ्री हिंटन एआई को इंसानों के लिए एक खतरा मानते हैं। वहीं बिल गेट्स जैसे टेक जानकार इस टेक्नोलॉजी को बेहतर भविष्य के रूप में देखते हैं। ऐसे में इस बात का फैसला कई बातों पर आधारित हो सकता है।

क्या एआई इंसानों से ज्यादा चालाक हो सकते हैं? इस सवाल को लेकर हर इंटरनेट यूजर का एक अलग मत हो सकता है। इसी तरह एआई टेक्नोलॉजी को लेकर जानकारों के भी अलग-अलग मत सामने आते हैं। एआई के गॉडफादर कहे जाने वाले Geoffrey Hinton एआई टेक्नोलॉजी को लेकर चिंतित हैं।

उनकी परेशानी इस बात से ही समझ आती है कि हिंटन ने पॉपुलर टेक कंपनी गूगल में अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया। उनका मत है कि एआई का विकास इंसानों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

Geoffrey Hinton अकेले नहीं, जो एआई टेक्नोलॉजी को इंसानों के लिए एक बड़ा खतरा मानते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल मार्च में जब ओपनआई ने GPT-4 मॉडल पेश किया तो करीब 1000 से ज्यादा शोधकर्ताओं और टेक जानकारों ने एआई के विकास पर 6 महीने तक रोक लगाने के लिए एक लेटर तक साइन कर लिया था। उन्हें भय था कि एआई समाज और इंसानों के लिए एक बड़े खतरे के रूप में पनप सकता है।

वहीं दूसरी ओर, समाज का एक वर्ग ऐसा भी है जो एआई को लेकर एक अलग मत रखता है। माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स की ही बात करें तो वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर मानते हैं कि AI की मदद से प्रोडक्टिविटी हेल्थकेयर और एजुकेशन सिस्टम को बेहतर बनाया जा सकता है। को-फाउंडर बिल गेट्स एआई के खतरों पर भी अपने विचार साझा करते हैं। वे कहते हैं कि इंसान AI के संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार है।

लेकिन, सवाल अभी भी यहीं अटक जाता है कि क्या एआई इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान हो सकते हैं? एआई और इंसानों की बुद्धिमता को कुछ पैमानों पर मापा जा सकता है-

  • एआई की खूबियों की बात करें तो एआई टेक्नोलॉजी इंसानों से बेहतर हो सकती है, क्योंकि एआई किसी टास्क को जिस स्पीड के साथ मशीन पूरा कर सकती है। इंसान चाह कर भी नहीं कर सकते हैं।
  • एक बड़े डेटा को कम समय में समझने और समझाने में इंसानों से कम समय लेता है। एआई की खूबी है कि इस टेक्नोलॉजी के साथ किसी भी टास्क को बार-बार करवाया जा सकता है।
  • टास्क को बार-बार करवाने के बाद ही एआई के साथ एरर की संभावना कम होती है। एआई मल्टीटास्किंग में माहिर है।
  • इंसानों की खूबियों की बात करें तो क्रिएटी को लेकर एआई को इंसानों से बेहतर नहीं माना जा सकता है।
  • नए विचार और इनोवेशन को लेकर इंसान एआई से बेहतर काम कर सकते हैं।
  • इंसान एआई से बेहतर है क्योंकि इंसानों में इमोशनल इंटेलिजेंस का गुण पाया जाता है। इमोशन के साथ किसी मामले के सभी पहलुओं को समझ कर उस पर एक डेटा तैयार करना केवल इंसान ही कर सकता है।
  • इंसान एआई से बेहतर माना जा सकता है क्योंकि, इंसान कॉमन सेंस के साथ काम कर सकता है। रियल वर्ल्ड के आधार पर इंसानों किसी जानकारी को बेहतर तरीके से सामने रख सकता है।

एआई और इंसान में आखिर किसे समझा जाए बेहतर

एआई के खतरों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस बात से भी इन्कार नहीं कर सकते हैं कि एआई दिन ब दिन इंसानों से ज्यादा स्मार्ट होने की कड़ी में काम कर रहे हैं। हालांकि, इंसानों जैसी बुद्धिमता पर काम करने के लिए एआई को अभी एक लंबा समय लगेगा। अंत में यही कहा जा सकता है कि एआई और इंसान साथ मिलकर ही एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।