राजनीति से मोह भंग :अभिनेता ने कहा, किसी के लिए एक साथ कई काम करना नामुमकिन
अभिनेता सनी देओल अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह पंजाब के गुरदासपुर से भाजपा सांसद हैं। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में सनी देओल ने कहा, मुझे लगता है कि एक्टर के तौर पर ही देश सेवा करूं। किसी के लिए भी एक साथ कई काम करना नामुमकिन है। मैं जिस सोच के साथ राजनीति में आया था, उसे बतौर एक्टर भी पूरा किया जा सकता है। इसलिए मैंने 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लडऩे का फैसला किया है।
सनी देओल ने कहा कि एक्टिंग में रहते हुए उनका दिल जो कहता है, वो कर सकते हैं। राजनीति में अगर कुछ कमिट कर दें और उसे पूरा नहीं कर पाएं तो उनसे बर्दाश्त नहीं होता। इसीलिए अब वह सिर्फ एक्टिंग की दुनिया में बने रहना चाहते हैं। बतौर सांसद लोकसभा में सनी देओल की उपस्थिति सिर्फ 19 फीसदी रही है। इस पर सनी देओल ने कहा कि लोकसभा में देश को चलाने वाले लोग बैठते हैं। उनमें सभी दलों के नेता हैं। वहां जिस तरह का बर्ताव देखता हूं तो चाहता हूं कि कहीं और चला जाऊं।
गुरदासपुर में लगे थे ‘लापता’ होने के पोस्टर
गुरदासपुर के लोग शिकायत करते रहे हैं कि सनी देओल चुनाव जीतने के बाद अपने चुनाव क्षेत्र को भूल गए। कई बार वहां उनके ‘लापता’ होने के पोस्टर लगाए गए। सनी देओल के पिता धर्मेंद्र भी भाजपा सांसद रह चुके हैं। वह 2004 में बीकानेर लोकसभा सीट से चुने गए थे। उनको लेकर भी बीकानेर के लोगों को शिकायत रही कि जीत के बाद उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र से मुंह फेर लिया था।
कभी विनोद खन्ना की थी सीट
गुरदासपुर सीट से 1999, 2004 और 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अभिनेता विनोद खन्ना सांसद चुने गए थे। उनके निधन के बाद 2017 में हुए उपचुनाव में इस सीट से कांग्रेस के सुनील जाखड़ जीते थे। पिछले चुनाव में यहां से भाजपा के टिकट पर सनी देओल सांसद चुने गए।
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