2 Ukrainian Soldiers Released in Latest Prisoner Swap: रूस- यूक्रेन के बीच पिछले डेढ़ साल से चल रहे युद्ध का परिणाम क्या होगा, इसके बारे में कोई नहीं जानता. दोनों देश एक दूसरे को मिटाने के लिए ताबड़तोड़ हमला बोल रहे हैं. इस जंगी माहौल के बीच कभी कभी कुछ ऐसी खबरें भी सामने आ जाती हैं, जो दिल को सुकून दे जाती हैं. ऐसी ही एक खबर सोमवार को आई, जब दोनों देशों के बीच युद्धबंदी बने सैनिकों की अदला-बदली की गई. इस अदला-बदली में रूस ने यूक्रेन के 22 सैनिक रिहा कर दिए.
इन लोगों को मिली रूसी कैद से रिहाई
यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक के अनुसार, रिहा किए गए सैनिकों (Russia Ukraine War Latest Updates) में अधिकारी, सार्जेंट और मोर्चे पर सेना के साथ लड़ने वाले विभिन्न सिविलियन शामिल थे. टेलीग्राम वीडियो के अनुसार, रिहाई के बाद अपने देश कुछ यूक्रेनी सैनिकों को नीले और पीले यूक्रेनी झंडे पहने हुए तस्वीरें खिंचवाते और यूक्रेन की जय चिल्लाते हुए देखा गया.
पिछले साल फरवरी से चल रहा युद्ध
अरबी न्यूज वेबसाइट अल जज़ीरा के अनुसार, यरमैक ने कहा, ‘आज हमने रूस की कैद से 22 यूक्रेनी लड़ाकों (Russia Ukraine War Latest Updates) को वापस पा लिया. छुड़ाए गए युद्धबंदियों में सबसे बुजुर्ग 54 साल का और सबसे छोटा 23 साल का था.’ बताते चलें कि रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया था. इस हमले में अब तक दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे जा चुके हैं. वहीं यूक्रेन ने रूसी सेना पर बड़े पैमाने पर उसके नागरिकों को हताहत करने और पकड़े गए यूक्रेनी सैनिकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
यूक्रेन ने युद्ध खत्म करवाने का दिया फॉर्मूला
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा था कि कीव ने युद्ध (Russia Ukraine War Latest Updates) खत्म करवाने के लिए शांति फॉर्मूला का प्रस्ताव दिया है, जिसका रूसी आक्रमण द्वारा उल्लंघन किया गया है. ज़ेलेंस्की ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि जेद्दा में शांति वार्ता के लिए कुल 42 देश जुटे हुए हैं. हर देश अंतरराष्ट्रीय कानून को लागू करवाना चाहते हैं.
जेद्दा में जुटे हुए हैं 42 देश
जेलेंस्की ने सोमवार को कहा, ‘आज हमारे अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के लिए एक और सक्रिय दिन रहा. हमारी टीम सऊदी अरब के जेद्दा में शांति फॉर्मूला पर काम कर रही है. कुल मिलाकर 42 देशों का प्रतिनिधिमंडल वहां काम कर रहा है. ये देश अलग-अलग महाद्वीपों से जुड़े हैं और सबके राजनीतिक दृष्टिकोण अलग-अलग हैं. इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय कानून की प्राथमिकता से हर कोई एकजुट है.’
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