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कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जोशीमठ मामले पर इस तरह का बयान दिया

अंत में, हाईकोर्ट के आदेश के पश्चात् सरकार ने जोशीमठ के भूधसाव के मुद्दे को सार्वजनिक कर दिया है। जोशीमठ के भूधसाव के कारणों की जानकारी के लिए देश के 8 प्रमुख रिसर्च संस्थानों ने एक विशेष अध्ययन किया था। इन वैज्ञानिक संस्थानों ने तैयार की गई रिपोर्ट को सरकार को सार्वजनिक करना पड़ा है, जिसमें लगभग 7 सौ पन्नों से अधिक का विवरण दिया गया है। इस रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को भी उजागर किया गया है, और इसमें सीवेज सिस्टम की अभाव के कारण पानी सीधे चट्टानों में जा रहा है, जिससे भूधसाव का खतरा बढ़ रहा है। जमीन में 30 मीटर तक पानी बढ़ रहा है, और इस रिपोर्ट में जोशीमठ में भविष्य में बड़े निर्माण को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है।

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने इस मामले पर अपने विचार साझा किए हैं और कहा है कि उनके विभाग ने जोशीमठ में बारीकी से जांच की गई है। वह भी मानते हैं कि वहां पर अनियोजित तरीके से विकास हुआ है, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम की समस्या उनके समय के अंतर्गत है। वह भविष्य में इस प्रकार की समस्या को रोकने के लिए सरकार का प्रयास करेंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे कि ऐसी समस्याएं फिर से न उत्पन्न हों।

मंत्री ने ड्रेनेज सिस्टम की समस्या को लेकर भी चर्चा की है और उन्होंने जनता से अपील की है कि वे नियमित तरीके से विकास के कार्यों में सहयोग करें, ताकि ऐसी समस्याओं का समाधान किया जा सके और आने वाले समय में इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सके।

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