“प्रदेश सरकार ने संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि कर दी है। इसके लिए खेल प्रशिक्षकों की छह श्रेणियां तय की गई हैं। इन नई मानदेय की संशोधित दरें अक्टूबर के पहले सप्ताह से लागू की जाएंगी। इस उपयुक्त कदम के लिए, खेल मंत्री रेखा आर्या ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। नई मानदेय में बढ़ोतरी हुई है, और इससे कई खेल प्रशिक्षकों को फायदा होगा।”
खेल मंत्री ने मुख्यमंत्री धामी का व्यक्त किया आभार
“खेल मंत्री रेखा आर्या (Rekha Arya) ने इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि बेहतर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए खेल प्रशिक्षकों की मानदेय को सम्मानजनक बनाना आवश्यक है। इस संदर्भ में सरकार ने यह आदेश जारी किया है। पूर्ण मानदेय प्राप्त करने के लिए इन्हें प्रतिदिन सात से आठ घंटे काम करना होगा।”
प्रदेश में खेल प्रशिक्षकों का मानदेय काफी हद तक था कम
बता दें कि प्रदेश में खेल प्रशिक्षकों का मानदेय काफी कम था। इसी कारण अच्छे प्रशिक्षक खेल विभाग के स्थान पर निजी खेल संस्थानों में कोचिंग देने को वरीयता देते हैं। इसे देखते हुए खेल विभाग ने प्रशिक्षकों का मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया। इसे कैबिनेट ने भी अपनी मंजूरी प्रदान कर दी थी। अब इसका शासनादेश जारी हो गया है। इसमें प्रशिक्षकों को छह श्रेणी में रखा गया है।
- पहली श्रेणी में अर्जुन अथवा द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त, ओलिंपिक, विश्व कप में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी, राष्ट्रमंडल व एशियाई खेलों के पदक विजेता होने के साथ ही एनआइएस से नियमित पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले डिप्लोमाधारी खिलाड़ी व प्रशिक्षकों को रखा गया है। इन्हें 45 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
- दूसरी श्रेणी में एशियाई, राष्ट्रमंडल के पदक विजेता खिलाड़ी व प्रशिक्षक, एशियाई व राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेेने वाले ऐसे खिलाड़ी व प्रशिक्षक, जिन्होंने एनआइएस का डिप्लोमा किया है, को शामिल किया गया है। इन्हें 35 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
- तीसरी श्रेणी में एशियाई व राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी, अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी और एनआइएस से नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले डिप्लोमाधारियों को शामिल किया गया है। इन्हें 25 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
- चौथी श्रेणी में सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में पदक विजेता खिलाड़ी व प्रशिक्षकों को रखा गया है। इन्हें 20 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
- पांचवी श्रेणी में सीनियर वर्ग नेशनल, अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगता में पदक विजेता व अखिल भारतीय प्रतियोगिता में पदक विजेताओं को रखा गया है। इन्हें 15 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
- छठी श्रेणी में अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में प्रतिभाग, सीनियर नार्थ जोन प्रतियोगिता में प्रतिभाग, जूनियर नेशनल, सब जूनियर नेशनल, नेशनल स्कूल गेम्स के पदक विजेताओं, एनआइएस प्रमाण पत्र धारी, भारतीय सेवा में सर्विसेज, कमांड, अखिल भारतीय पुलिस प्रतियोगिता में पदक विजेता खिलाड़ी व प्रशिक्षकों को शामिल किया गया है। इन्हें 12 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
प्रशिक्षकों को प्रोत्साहन देने के लिए सम्मानजनक किया गया मानदेय- खेल मंत्री
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या के अनुसार, उत्तराखंड में खेलों की गुणवत्ता में सुधार करने और प्रशिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके मानदेय को सम्मानजनक रूप में बढ़ा दिया गया है। इस तरह के परिवर्तनों से, खेल विभाग में काम कर रहे प्रशिक्षकों की कमी को भी दूर किया जा सकता है।
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