डिबेट के दौरान, विवेक रामास्वामी ने अपने तर्क का बचाव करते हुए कहा कि ‘चीन असली दुश्मन है और हम यूक्रेन युद्ध में समर्थन देकर रूस को चीन के पाले में धकेल रहे हैं। विवेक रामास्वामी उस वक्त आलोचकों के निशाने पर आ गए, जब उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी की डिबेट के दौरान कहा कि वह यूक्रेन को आर्थिक मदद देने के खिलाफ हैं और वह रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन का समर्थन नहीं करेंगे। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप का भी यूक्रेन युद्ध को लेकर यही रुख है। हालांकि अपने इस स्टैंड को लेकर विवेक रामास्वामी राष्ट्रपति पद की डिबेट के दौरान अन्य उम्मीदवारों के निशाने पर भी आए।
डिबेट के दौरान घिरे रामास्वामी
बुधवार यानी 27 सितंबर को कैलिफोर्निया के सिमी वैली स्थित रीगन लाइब्रेरी एंड म्यूजियम में रिपब्लिकन पार्टी की राष्ट्रपति पद की डिबेट का आयोजन किया गया। इस दौरान विवेक रामास्वामी ने यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ अमेरिका की मदद का विरोध किया। इसे लेकर रामास्वामी अलग-थलग पड़ गए और अन्य उम्मीदवारों ने इस मुद्दे पर रामास्वामी के खिलाफ हमला बोल दिया। डिबेट के दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस, निक्की हेली और न्यूजर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी ने रामास्वामी की तीखी आलोचना की।
विरोधियों ने रामास्वामी को घेरा
डिबेट के दौरान, विवेक रामास्वामी ने अपने तर्क का बचाव करते हुए कहा कि ‘चीन असली दुश्मन है और हम यूक्रेन में समर्थन देकर रूस को चीन के पाले में धकेल रहे हैं। हमें इस संकट के समाधान के लिए कोई बेहतर योजना बनानी चाहिए।’ इसके विपरीत, माइक पेंस ने रामास्वामी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर पुतिन को यूक्रेन पर कब्जा करने दिया जाता है तो यह एक तरह से चीन के लिए हरी झंडी होगी कि वह ताइवान पर हमले कर दे। वहीं, अन्य उम्मीदवार क्रिस क्रिस्टी ने कहा कि यूक्रेन में लड़ने के लिए चीन, रूस की मदद कर रहा है। ईरान, रूस को हथियार उपलब्ध करा रहा है और उत्तर कोरिया भी ऐसा कर रहा है। हमें चीन-रूस गठबंधन के खिलाफ लड़ना होगा और हम व्लादिमीर पुतिन से गले मिलकर ऐसा नहीं कर सकते। अगर हम पुतिन को यूक्रेन लेने देंगे तो अगला नंबर फिर पोलैंड का होगा।
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