आज, उत्तराखंड सरकार के मंत्री और सोमेश्वर विधायक, रेखा आर्या ने बस्ती जनसंपर्क अभियान के तहत अपनी सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र में स्थित कंडारकुआं और मंडल ताकुला के ग्रामसभा कांडे में रमेश राम (रामी राम) जी के आवास पर एससी बाहुल्य बस्ती में जनसंपर्क किया। कार्यक्रम के पूर्व, संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा पर आभूषण चढ़ाया गया। इस दौरान, कैबिनेट मंत्री ने सभी ग्रामवासियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि आज भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार लगातार जनहित में कार्य कर रही है जिसके कारण गरीब उत्थान व कल्याण का संकल्प सिद्ध हो रहा है।इस असोज जैसे व्यस्ततम माह के दौरान भी जिस प्रकार से आप सभी देवतुल्य जनता अपना कीमती समय निकालकर उपस्थित हुए हैं, यह आप सभी का प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के प्रति स्नेह व प्रेम को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोद ने बाबा साहब से जुड़े 05 स्थलों को ‘पंच-तीर्थ’ के रूप में जिनमें मध्य प्रदेश में उनका जन्म स्थान महू छावनी, लंदन का वह घर, जहां उन्होंने पढ़ाई की, नागपुर में दीक्षा भूमि, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल व मुम्बई में चैत्य भूमि को स्थापित किया है।निश्चित रूप से ‘पंच-तीर्थ’ स्थलों के माध्यम से लोगों को बाबा साहब डॉ. अंबेडकर जी की दृष्टि एवं विचारों को जानने एवं समझने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि बाबा साहब अंबेडकर जी के शब्दों में, राजनीतिक लोकतंत्र के आधार पर समाज में सामाजिक न्याय की जरूरत है, और वर्तमान सरकार इसे प्राथमिकता मान रही है। उन्होंने यह भी उज्ज्वल किया कि संविधान में समावेश की महत्वपूर्ण भूमिका है और सरकार का ध्यान गरीबों और पिछड़ों के प्रति है।
वे बताती हैं कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून में मजबूत संशोधन किए हैं, जो गरीबों के प्रति उनकी दूरदर्शिता को प्रमोट करते हैं। उन्होंने इसके साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना” की शुरुआत की बारे में भी बताया, जिसके तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों में पारंपरिक व्यवसायों को नया जीवन दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत कई पेशेवर जिन्सों के कारीगर, जैसे कुम्हार, बढ़ई, लोहार, सुनार, दर्जी, मोची, नाई, मूर्तिकार, आदि शामिल होंगे। यह संकेतक है कि सरकार गरीबों, दलितों और वंचितों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संकल्पबद्ध है।
वे उज्ज्वल करती हैं कि स्वतंत्रता के बाद भी ऐसे गांव थे जिन्हें राजस्व ग्राम का स्थान नहीं मिला था और जिनके लोगों को वोट देने का अधिकार नहीं था, लेकिन उन्हें हमारी सरकार ने इस अधिकार को प्रदान किया है।
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