नैनीताल। उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल नैनीताल में स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर चरमराया हुआ अतिक्रमण मुद्दा अब एक नई मोड़ पर पहुंच गया है। जिला प्रशासन के आदेश पर, अतिक्रमण मिटाने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। जिला प्रशासन की टीम ने स्थल पर मुनादी करते हुए प्रभावित लोगों को 15 सितंबर तक अपने घर खाली करने और उनके निर्माण ध्वस्त करने का निर्देश दिया। सुरक्षा की व्यवस्था में आया एक नया उद्धारण, जब पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त रूप से क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया।
नैनीताल के डीएम वंदना सिंह ने पत्रकारों को सूचित किया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए, विभाग की भूमि पर उठाए गए 36 अवैध निर्माण को दूर करने के लिए नोटिस भेजे गए थे। हालांकि, इस नोटिस की उपेक्षा की गई और अतिक्रमण नहीं हटाया गया। अब प्रशासन ने ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है और प्रभावित लोगों को अंतिम चेतावनी दी गई है कि वे अपने घरों को खाली कर दें और अन्य स्थान पर स्थानांतरित हों।
30 परिवारों के बिजली पानी के कनेक्शन काटे
ऊर्जा निगम और जल संस्थान ने स्वास्थ्य विभाग की भूमि पर अवैध रूप से काबिज लोगों के घरों से बिजली पानी के कनेक्शन काट दिए हैं। जानकारी देते हुए एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया क्षेत्र में चिन्हित 36 भवानों में से 25 भवनों से बिजली पानी के कनेक्शन काटे गए हैं। कुछ भवन आंशिक रूप से अतिक्रमण की जद में हैं, जिन घरों से बिजली पानी के कनेक्शन अभी काटने की जरूरत नहीं है, जरूरत पड़ी तो कनेक्शन काटे जाएंगे।
सुरक्षा को देखते हुए अलर्ट पुलिस
क्षेत्र से अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था और जनहानि न हो इसको देखते हुए पुलिस महकमा भी अलर्ट हो गया है। जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया कि अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान 500 से अधिक पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद रहेंगे, जिले के विभिन्न क्षेत्रों से पुलिस को नैनीताल बुला लिया गया है।
कनेक्शन काटे जाने का क्षेत्र वासियों ने किया विरोध
प्रशासन द्वारा अतिक्रमण रूप से बने घरों के बिजली पानी के कनेक्शन काटे जाने का लोगों ने विरोध किया। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर सभी लोग अपने घरों को खाली कर रहे हैं, ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा बिजली पानी के कनेक्शन काटे जाने गलत हैं। बिजली काटे जाने से उन्हें अपने घर खाली करने में काफी दिक्कतें हो रही हैं।
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