उत्तराखंड राज्य में, कुल 248 अस्पताल हैं, जिनमें 102 सरकारी और 146 निजी अस्पताल शामिल हैं। यहां पर आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज का दावा करने के लिए कर्मचारियों को 15 दिन का मानक समय दिया गया है, लेकिन उत्तराखंड में अस्पतालों को सात दिनों के भीतर इस दावे का भुगतान कर रहे हैं।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान योजना के क्लेम भुगतान को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने का निर्णय लिया है। 26 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में उत्तराखंड को यह सम्मान प्राप्त होगा।
आयुष्मान योजना के कार्ड धारकों के लिए प्रदेश में कुल 248 अस्पताल हैं, जिनमें 102 सरकारी और 146 निजी अस्पताल शामिल हैं। इस योजना के तहत, पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का दावा किया जा सकता है। इन दावों के बाद, अस्पतालों से क्लेम भेजा जाता है, और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा क्लेम की ऑडिट की जाती है। इसके परिणामस्वरूप, अस्पतालों को उपयुक्त भुगतान किया जाता है। बता दें कि 2022 में उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में फर्जी दावों को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया था।
राज्यों को उत्तराखंड के मॉडल को अपनाने के लिए कहा
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इलाज के बिलों में फर्जीवाड़ा करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। साथ ही गलत तरीके से प्राप्त क्लेम राशि की वसूली कर योजना से बाहर किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी फर्जीवाड़े रोकने पर राज्य की सराहना की थी। साथ ही सभी राज्यों को उत्तराखंड के मॉडल को अपनाने को कहा था।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि रविवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की आयुष्मान योजना पर वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक की गई। जिसमें केंद्र सरकार ने क्लेम सेटलमेंट में उत्तराखंड को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित करने की जानकारी दी है।
अब तक निशुल्क इलाज पर 1554 करोड़ खर्च
प्रदेश में 52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इसमें अब तक 8.28 लाख कार्ड धारकों को सरकार ने 1554 करोड़ रुपये के निशुल्क इलाज का लाभ प्रदान किया है।
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